नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि अति आत्मविश्वास ने भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपेक्षित सफलता हासिल करने से रोक दिया. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी जीत दर्ज करेगी.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ में राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के भीमराव अंबेडकर सभागार में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘… भाजपा 2024 में पिछले चुनावों के समान ही वोट प्रतिशत हासिल करने में सफल रही. हालांकि, वोटों के बदलाव और अति आत्मविश्वास ने हमारे उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया. नतीजतन, पिछले चुनावों में परास्त हुआ विपक्ष आज छाती ठोकने में सक्षम है.’
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष पर जाति के आधार पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से ऐसे विभाजनों के प्रति सतर्क रहने को कहा.
उन्होंने कहा, ‘विपक्षी दलों और विदेशियों ने हमारे खिलाफ़ साजिश रचने के लिए सोशल मीडिया का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया. भाजपा कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर नज़र रखनी चाहिए, अफ़वाहों का तुरंत जवाब देना चाहिए और अनुसूचित जाति (एससी) के नेताओं के प्रति पार्टी के सम्मान को उजागर करना चाहिए. 2019 में हमने यूपी में सबसे बड़े गठबंधन को हराया.’
आदित्यनाथ ने सांसद से लेकर पार्षद तक हर कार्यकर्ता से 10 विधानसभा क्षेत्रों के लिए विधानसभा उपचुनाव और 2027 के चुनावों की तैयारी तुरंत शुरू करने का आग्रह किया.
संसदीय चुनाव परिणामों के बाद पहली बार हुई कार्यसमिति की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय और राज्य मंत्री, सांसद, विधायक, एमएलसी, लोकसभा उम्मीदवार और ब्लॉक स्तर के नेता शामिल हुए.
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था, जो संसद में बहुमत (272) का आंकड़ा पार करने के लिए राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण राज्य पर भरोसा कर रही थी. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को केवल 36 सीटें ही मिल पाईं – भाजपा ने 33, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने दो और अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती.
यह राज्य से 2019 में 62 लोकसभा सीटों की जीत से 29 कम और 2014 में 71 सीटों की जीत से 38 कम है.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि यह पुरानी पार्टी तीन चुनावों में जीते गए सांसदों को मिलाकर भी भाजपा की संख्या को पार नहीं कर पाई.
नड्डा ने कांग्रेस पर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने चुनावों में संविधान के बारे में बहुत बात की. यह याद दिलाना ज़रूरी है कि वास्तव में इसे किसने कमजोर किया. उन्होंने (कांग्रेस ने) 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिराया. वे राम मंदिर की बात करते हैं लेकिन भाजपा के लिए यह सिर्फ़ चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि आस्था का मामला है.’