नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार (15 जुलाई) की रात सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेठ में एक सैन्य अधिकारी समेत चार सेना के जवान शहीद हो गए. इस इलाके में आतंकवादियों की तलाश के लिए सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी था. हाल के दिनों में कई घातक हमलों के बाद आतंकी यहां के जंगल की ओर भाग गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले जम्मू के कठुआ जिले में बीते सप्ताह 8 जुलाई को एक सैन्य वाहन पर हुए आतंकी हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर समेत 5 जवान शहीद हो गए थे. तब आतंकवादियों ने सेना के वाहन को एक ग्रेनेड से निशाना बनाया था और उस पर गोलीबारी की थी. ये इलाका अनुच्छेद 370 के हटने के बाद हाल के वर्षों में नागरिकों और सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा का एक नया केंद्र बन गया है.
मालूम हो कि 9 जून से अब तक जम्मू क्षेत्र में छह आतंकी हमलों की सूचना मिली है, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी और 10 नागरिकों की जान चली गई है. ये सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी है. हमलावरों की तलाश के लिए इस क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है.
राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की संयुक्त टीम पर हमला
सोमवार, 15 जुलाई को भी एक विशिष्ट जानकारी के आधार राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की एक संयुक्त टीम डोडा ने देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संदिग्ध घने जंगली इलाके में छिपे हुए थे और उन्होंने रात करीब 9 बजे सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम पर हमला कर दिया. शुरुआती गोलीबारी के दौरान सेना के एक मेजर सहित चार सैनिकों और एक पुलिसकर्मी को गोली लग गई.
उन्होंने आगे बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां चार सैनिकों ने दम तोड़ दिया जबकि पुलिसकर्मी की हालत गंभीर बताई जा रही है. मृतक अधिकारी की पहचान मेजर बृजेश थापा के रूप में की गई है.
सेना की ह्वाइट नाइट कोर ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के आधार पर सेना और पुलिस की ओर से डोडा के उत्तर में सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान जारी था. रात लगभग 9 बजे आतंकियों से संपर्क स्थापित हुआ, जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई. अतिरिक्त सैनिकों को इलाके में भेजा गया है.’
Op KOTHI – 2
Based on specific intelligence inputs, a joint operation by #IndianArmy and JKP was in progress in General area North of #Doda.
Contact with terrorists was established tonight at about 2100h in which heavy firefight ensued. Initial reports suggest injuries to our…
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) July 15, 2024
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अत्याधुनिक राइफलों से लैस लगभग दो दर्जन आतंकवादियों के कम से कम दो से तीन समूहों ने पीर पंजाल क्षेत्र के जंगली इलाकों में शरण ले रखी है, जिसमें पुंछ, राजौरी, रियासी जिले के साथ ही चिनाब घाटी के डोडा और किश्तवाड़ जिले भी शामिल हैं.
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर ट्वीट करके जानकारी दी है कि आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय की मौत हो गई है.
सेना ने पोस्ट में लिखा है, ‘थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के सभी रैंक बहादुरों कैप्टन ब्रजेश थापा, नाइक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं, जिन्होंने डोडा क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए आतंक-रोधी अभियान के दौरान अपना कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है.’
#GeneralUpendraDwivedi #COAS and all ranks of #IndianArmy convey their deepest condolences to the #Bravehearts Captain Brijesh Thapa, Naik D Rajesh, Sepoy Bijendra & Sepoy Ajay, who laid down their lives in the line of duty, while undertaking a counter terrorist operation in… pic.twitter.com/R4dXvD9geZ
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) July 16, 2024
जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने ट्वीट करके इस मुठभेड़ में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा, ‘डोडा ज़िले में सेना के जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों पर कायराना हमले के बारे में जानकर मैं बेहद दुखी हूं. हमारे राष्ट्र की सुरक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.’
I am deeply anguished to learn about the cowardly attack on our Army soldiers and JKP personnel in Doda district. Tributes to brave soldiers who made supreme sacrifice protecting our nation. My deepest condolences to members of the bereaved families.
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) July 16, 2024
रक्षा मंत्री ने भी सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर शहीद हुए सेना के जवानों के प्रति दुख जताया. वहीं, उनके कार्यालय ने बताया कि रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी से आज सुबह बात की. सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री को डोडा में ज़मीनी हालात और वहां चल रहे आतंकवाद रोधी अभियान के बारे में बताया है.
Deeply saddened by the loss of our brave and courageous Indian Army Soldiers in a counter terrorist operation in Urrar Baggi, Doda (J&K). My heart goes out to the bereaved families. The Nation stands firmly with the families of our soldiers who have sacrificed their lives in the…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 16, 2024
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी एक पोस्ट में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी है और केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने लिखा है, ‘आज जम्मू कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए. शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक हैं. लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू-कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं. भाजपा की ग़लत नीतियों का खमियाज़ा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं.’
आज जम्मू कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है।
लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू कश्मीर की जर्जर…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2024
इन हमलों के संबंध में माना जा रहा है कि कुछ आतंकवादियों ने हाल ही में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ की है. हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद 2019 से जम्मू क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों पर हमले बढ़ गए हैं.
ज्ञात हो कि साल 2021 के बाद से इस क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में कई अधिकारियों सहित 51 सुरक्षाकर्मी और 19 नागरिक मारे गए हैं, जबकि यहां आतंकी हमले कभी बीती बात हुआ करते थे. साल 2018 के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसकी सत्ता अपने हाथों में ली, जिसके बाद यहां जम्मू के सुंजवां सैन्य अड्डे पर हुई गोलीबारी में पांच जवान शहीद हो गए थे.
गलवान झड़प के बाद चीन के साथ तनाव बढ़ने के चलते जम्मू में सुरक्षाबलों की फिर से तैनाती
इन हमलों में एक पैटर्न देखने को मिल रहा है. इनमें से अधिकांश हमलों में आतंकवादियों ने कवच-भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया है, जिनकी नोकें कठोर स्टील और हल्के एम4 कार्बाइन से ढकी हुई हैं. इनका इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ने के लिए अमेरिकी और नाटो बलों द्वारा किया जाता है.
अधिकारियों का मानना है कि लद्दाख में गलवान झड़प के बाद चीन के साथ तनाव बढ़ने के चलते जम्मू से वास्तविक नियंत्रण रेखा तक सुरक्षा बलों की पुनः तैनाती ने जम्मू में हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति में आंशिक रूप से योगदान दिया हो सकता है.
हालांकि, ये हमले शुरू में पुंछ और राजौरी के पीर पंजाल जिलों तक ही सीमित थे, अब ये कठुआ और रियासी सहित पूरे जम्मू क्षेत्र में फैल गए हैं. रिपोर्टों के मुताबिक, जम्मू को हिंसा का क्षेत्र बनाकर आतंकवादी सरकार को ये संदेश देने की नई रणनीति अपना रहे हैं कि जम्मू और कश्मीर में कोई शांति नहीं है, जैसा कि केंद्र सरकार दावा करती है कि 370 हटने के बाद यहां शांति बहाल हुई है.
यह प्रवृत्ति लद्दाख में सशस्त्र बलों की पुनः तैनाती और जम्मू क्षेत्र में मानव खुफिया नेटवर्क के टूटने से उत्पन्न शून्यता के कारण और बढ़ गई है, जहां सशस्त्र बलों पर हाल ही में आठ नागरिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था, जिनमें से तीन ने बाद में दम तोड़ दिया.
सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि हिंसा का दायरा बढ़ने से जम्मू में सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है, जहां मुस्लिम और हिंदू मिश्रित आबादी में रहते हैं, जबकि कश्मीर में मुस्लिम बहुल आबादी है.
इन हमलों के संबंध में सुरक्षा बलों ने जम्मू क्षेत्र में दर्जनों स्थानीय संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन जांच में कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई है.
बीते 32 महीनों में मुठभेड़ के दौरान 48 सैनिक मारे गए
गौरतलब है कि एनडीटीवी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में बीते 32 महीनों में मुठभेड़ के दौरान 48 सैनिक मारे गए हैं. इसमें 8 जुलाई का कठुआ हमला, 11-12 जून का दोहरा आतंकी हमला, 9 जून का तीर्थ यात्रियों की बस पर हुआ हमला और 4 मई को पुंछ में वायुसेना के काफिले पर हुए हमले शामिल हैं.
बीते साल 2023 की बात करें तो 21 दिसंबर को एक मुठभेड़ में चार जवानों की मौत हो गई थी. नवंबर में कैप्टन सहित पांच जवान एक मुठभेड़ में मारे गए थे. अप्रैल में 10 जवान दोहरे आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे.
इससे पहले, 2022 में कटरा में यात्रियों की बस पर हुए हमले में चार लोग मारे गए थे. वहीं, दिसंबर 2021 में एक मुठभेड़ में चार जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे.