यूपी के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 3 की मौत और कई घायल

चंडीगढ़ से असम जाने वाली चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे उत्तर प्रदेश के गोंडा शहर से 30 किलोमीटर दूर झिलाही और मोतीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गए. ट्रेन के लोको पायलट ने दावा किया है कि उन्हें ट्रेन के पटरी से उतरने के ठीक पहले एक विस्फोट की आवाज सुनाई दी थी.

फाइल फोटो: चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस. (फोटो साभार: एक्स/@subhram_ritesh)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार (18 जुलाई) की दोपहर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के आठ डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है. वहीं, इस रेल दुर्घटना में 32 अन्य लोग घायल हो गए हैं, जिनमें एक महिला समेत छह लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़ से असम जाने वाली चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे गोंडा शहर से 30 किलोमीटर दूर झिलाही और मोतीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गए.

मृतकों की पहचान चंडीगढ़ निवासी राहुल (38) और बिहार के रहने वाले सरोज कुमार सिंह (30) के रूप में हुई है. तीसरे व्यक्ति, जो एक पुरुष हैं, की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.

ट्रेन के लोको पायलट ने दावा किया है कि उन्हें ट्रेन के पटरी से उतरने के ठीक पहले एक विस्फोट की आवाज सुनाई दी थी. रेलवे और यूपी पुलिस इसकी जांच कर रहे हैं.

उत्तर पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि इस हादसे में रेलवे सुरक्षा आयोग की जांच के अलावा, एक उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं.

मालूम हो कि गुरुवार दोपहर करीब 2 बजकर 40 मिनट पर ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद स्टेशन आपदा प्रतिक्रिया बल यात्रियों को बचाने के लिए मेडिकल टीम और एम्बुलेंस के साथ मौके पर पहुंचा था, रेलवे ने दुर्घटनास्थल पर एक विशेष एम्बुलेंस भी भेजी थी.

इनसे दुर्घटना में बचाए गए यात्रियों को पास के मनकापुर रेलवे स्टेशन ले जाया गया, जहां से उन्हें एक विशेष ट्रेन के जरिए उनके गंतव्य स्टेशनों पर भेजा गया.

इस संबंध में एक अधिकारी ने अखबार को बताया कि इस दौरान अन्य ट्रेनों के रूट में परिवर्तन कर दिया गया था.

उत्तर पूर्व रेलवे के मंडल रेलवे प्रबंधक आदित्य कुमार ने कहा कि रेलवे ट्रैक को साफ करने का काम जारी है. जांच शुरू हो गई है और रेलवे कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.

इस हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों को रेलवे ने 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. वहीं, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली चोटों वाले लोगों को 50,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.

सामचार एजेंसी पीटीआई को एक यात्री संदीप कुमार ने इस दुर्घटना के बारे में बताते हुए कहा, ‘एक पल के लिए पूरा कोच धूल से भर गया और चारों ओर अंधेरा हो गया. मुझे याद नहीं कि अगले कुछ सेकंड में क्या हुआ. मुझे केवल चीखें याद हैं और ये याद है कि एक यात्री ने मेरा हाथ खींचा और मुझे खिड़की से बाहर निकलने में मदद की.’

केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी बचाव कार्य का जायजा लेने मनकापुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे.

इस मामले में अधिकारियों ने अखबार को बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दुर्घटना में घायल हुए लोगों का उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि घायलों को अस्पतालों में पहुंचाने के लिए 40 सदस्यीय मेडिकल टीम और 15 एम्बुलेंस तुरंत घटनास्थल पर तैनात की गईं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया मंच एक्स पर जारी बयान में कहा गया है कि सीएम योगी ने जनपद गोंडा में ट्रेन हादसे का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं. साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है.

असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इस संबंध में अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में बताया कि सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा को उत्तर प्रदेश में डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बारे में जानकारी दी गई है. मुख्यमंत्री स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और असम सरकार संबंधित अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.

इस ट्रेन हादसे को लेकर अधिकारियों ने कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर किसी जानकारी या सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है.

गौरतलब है कि करीब महीनेभर पहले ही पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस ट्रेन हादसे में लोको पायलट समेत 15 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई थी.