श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बॉलीवुड फिल्म ‘फैंटम’ के प्रोपेगैंडा वीडियो को प्रसारित करने में शामिल सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ सख्त आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है.
रिपोर्ट के अनुसार, एक बयान में पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान की तस्वीर के साथ फैंटम का पोस्टर दिखाने वाला पांच मिनट 55 सेकेंड का वीडियो पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सोमवार, 22 जुलाई को दोपहर 2 बजे जारी किया गया था.
लोगों से वीडियो प्रसारित न करने का आग्रह करते हुए पुलिस ने चेतावनी दी कि आदेश का पालन न करने पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (यूएपीए) अधिनियम की धारा 13 (अवैध गतिविधि के लिए प्रोत्साहित करना या उकसाना) और 18 (आतंकवादी कृत्य के लिए प्रोत्साहित करना या उकसाना) के तहत कार्रवाई की जाएगी.
यूएपीए की धारा 18 के तहत दोषी पाए जाने पर संदिग्ध को आजीवन कारावास हो सकता है. प्रवक्ता ने कहा कि वीडियो प्राप्त करने वाला व्यक्ति इसे किसी भी तरह से किसी को फॉरवर्ड नहीं करेगा.
रिपोर्टिंग तंत्र पर कोई स्पष्टता नहीं
पुलिस ने कहा, ‘दूसरा, वे (प्राप्तकर्ता) संदेश के माध्यम से रिपोर्ट करेंगे कि उन्हें यह प्रचार वीडियो किससे मिला है. टेलीफोन नंबर और वीडियो प्राप्त होने की तारीख और समय का उल्लेख करें.’
हालांकि, प्रवक्ता ने इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया कि संभावित प्राप्तकर्ता वीडियो की रिपोर्ट कैसे और किसे कर सकता है.
सरकारी अधिकारियों के मामले को छोड़कर प्रवक्ता ने कहा, ‘इसे प्राप्त करने वाले किसी भी सरकारी अधिकारी को समान रूप से अपने सुपरवाइज़ करने वाले अधिकारियों को एक टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए.’
बता दें कि फिल्मकार कबीर खान द्वारा निर्देशित फैंटम 2015 की बॉलीवुड एक्शन थ्रिलर है, जिसमें कैटरीना कैफ और सैफ अली खान मुख्य भूमिकाओं में हैं, जिन्हें भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) द्वारा 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों का बदला लेने का जिम्मा सौंपा जाता है.
फिल्म में खान ने भारतीय सेना से कोर्ट मार्शल कर दिए गए कैप्टन दानियाल खान की भूमिका निभाई है, जिन्हें रॉ द्वारा भारत में हुए सबसे भीषण आतंकवादी हमले का बदला लेने के मिशन पर भेजा जाता है, और इसके बदले में उन्हें सेना में पुनः भर्ती कर लिया जाता है. खान अमेरिका और सीरिया में अपराधियों का पीछा करते हुए अंततः पाकिस्तान पहुंचते हैं, जहां वे शेष बचे दो संदिग्धों को मार गिराते हैं, जिनमें हारिस सईद (जैश नेता हाफिज सईद से मिलता-जुलता संदर्भ) भी शामिल है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस की यह चेतावनी प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया पर उन संदेशों, जिन्हें सरकार ने अशांति फैलाने वाला करार दिया है, के फैलने से रोकने के लिए जारी किए गए आदेशों के बाद आई है.
पुलिस ने दुष्प्रचार वीडियो की विषय-वस्तु के बारे में कोई विवरण नहीं दिया है.
यह वीडियो ऐसे समय जारी किया गया है जब सशस्त्र बल जम्मू में मुश्किल परिस्थिति का सामना कर रहे हैं, जहां इस महीने की शुरुआत में लगातार हुए हमलों में नौ सैनिक और एक पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं.
हमलों की झड़ी: ताजा हमले में वीडीजी के घर को निशाना बनाया गया
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन महीनों में जम्मू संभाग में आतंकवाद से जुड़ी 14 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 10 सुरक्षाकर्मियों और नौ तीर्थयात्रियों सहित दो अधिकारियों की जान चली गई, जबकि इस दौरान पांच आतंकवादी भी मारे गए. इन घटनाओं में सुरक्षाकर्मियों समेत चार दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं.
22 जुलाई की सुबह अज्ञात आतंकवादियों ने राजौरी के गुंडा खवास गांव में एक आवासीय घर पर हमला किया, जो ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) के एक सदस्य का है. वीडीजी, सरकार द्वारा समर्थित एक नागरिक मिलिशिया है, जिसे 2022 में जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में आतंकवाद के खिलाफ ‘रक्षा की पहली पंक्ति’ के रूप में काम करने के लिए फिर से सक्रिय किया गया है.
सेना की ह्वाइट नाइट कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘आतंकवादियों ने सुबह 3.10 बजे गुंडा, राजौरी में एक वीडीसी (वीडीजी) के घर पर हमला किया. पास की सेना की टुकड़ी ने जवाबी कार्रवाई की और गोलीबारी शुरू हो गई. ऑपरेशन जारी है.’
हमले के कथित लक्ष्य और वीडीजी सदस्य पुरुषोत्तम कुमार को इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था, क्योंकि उन्होंने अनुकरणीय साहस दिखाया था, जिसके कारण उनके गांव में एक आतंकवादी मारा गया था. हालांकि, एक अन्य नागरिक, जिन्हें कुमार का रिश्तेदार बताया जा रहा है, ताजा हमले में घायल हुए हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान घायल हो गया है और उसे सुरक्षित निकाल लिया गया है. इलाके में तलाशी अभियान जारी है.’ अभी तक आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की गई है.
अप्रैल में जम्मू के उधमपुर जिले में आतंकवादियों के हमले में वीडीजी का एक सदस्य मारा गया था. यह लोकसभा सदस्य और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का गृह निर्वाचन क्षेत्र भी है.
2021 के बाद से जम्मू संभाग में आतंकवादियों द्वारा सशस्त्र बलों और नागरिकों पर लक्षित हमलों की एक लहर में कम से कम 48 सेना के जवान मारे गए हैं, जिसे 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर को विभाजित करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने से पहले आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था.
पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंह और भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी, ऐसी खबरें थीं कि जम्मू में आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू करने के लिए अतिरिक्त 3000 सैनिकों और 500 पैरा कमांडो को तैनात किया जा रहा है.