नई दिल्ली: मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में एक और युद्धपोत में आग लगने की घटना सामने आई है. बीते रविवार (21 जुलाई) स्वदेशी निर्मित भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र में आग लग गई, जिसके बाद जहाज एक तरफ पूरी तरह झुक गया है. इस हादसे के बाद एक नाविक भी लापता है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने सोमवार (22 जुलाई) को अपने एक बयान में कहा कि युद्धपोत पर नियमित रखरखाव का काम करते समय जहाज के कर्मचारियों को आग का पता चला. इसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई. साथ ही नौसेना डॉकयार्ड मुंबई और आसपास की अन्य इकाइयों से अग्निशमन दल को भी इस अभियान में शामिल किया गया. इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
नौसेना के अनुसार, सोमवार की सुबह तक आग पर काबू पा लिया गया. जहाज के एक जूनियर नाविक को छोड़कर सभी कर्मियों का पता लगा लिया गया है. लापता नाविक की तलाश जारी है. आग लगने की वजह का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं.
नौसेना ने बताया कि आग की घटना के बाद दोपहर में युद्धपोत एक तरफ झुकने लगा. तमाम कोशिशों के बावजूद जहाज को सीधा नहीं किया जा सका. युद्धपोत अपने बर्थ यानी लंगर के साथ-साथ और भी झुकता चला गया और फिलहाल एक तरफ टिका हुआ है. इस गाइडेड मिसाइल मल्टी-रोल युद्धपोत की मुंबई में मरम्मत चल रही थी.
मालूम हो कि आईएनएस ब्रह्मपुत्र का निर्माण कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपयार्ड एंड इंजीनियर्स द्वारा किया गया है. ये भारतीय नौसेना के गाइडेड मिसाइल श्रेणी का प्रमुख युद्धपोत है.
रक्षा मंत्री कार्यालय की जानकारी के मुताबिक, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भारतीय नौसेना के जहाज ब्रह्मपुत्र में आग लगने की घटना और इस घटना से हुए नुकसान से अवगत कराया है.
Chief of the Naval Staff Admiral Dinesh K Tripathi has apprised RM Shri @rajnathsingh of the fire breakout onboard Indian Naval Ship Brahmaputra and the damages caused by the incident.
RM prays for the safety of missing sailor.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 22, 2024
मालूम हो कि नौसेना के जहाज में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है. 2010 के बाद से दुर्घटनाओं या आग लगने की कम से कम 20 घटनाएं सामने आई हैं, जिसके चलते कई नौसेना कर्मियों की मौत हुई है.
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना ने आग या अन्य दुर्घटनाओं के कारण बीते कुछ सालों में अपने दो प्रमुख जहाजों को खो दिया है. अगस्त 2013 में पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के टॉरपीडो कंपार्टेमेंट में विस्फोट की घटना सामने आई थी. तब ये युद्धपोत नौसेना के मुंबई डॉकयार्ड में थी. इस दुर्घटना में 18 नौसैनिकों की मौत हो गई थी.
इससे पहले जनवरी 2011 में आईएनएस विंध्यगिरि मुंबई के पास एक व्यापारिक जहाज (merchant vessel) से टकरा गई थी, जिसके चलते जहाज में आग लगी और ये जहाज डूब गया. इस घटना से कोई हताहत नहीं हुआ था. लेकिन बाद में अपूर्णीय क्षति के कारण दोनों जहाजों को सेवामुक्त कर दिया गया था.