नई दिल्ली: काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार (24 जुलाई) सुबह उड़ान भरते समय सौर्य एयरलाइंस का एक विमान रनवे पर फिसल जाने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें 18 लोगों की मौत हो गई है.
हवाई अड्डे के सुरक्षा प्रमुख अर्जुन चंद ठाकुरी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि विमान में चालक दल के दो सदस्य और 17 टेक्नीशियन सवार थे. विमान को रखरखाव की जांच के लिए पोखरा शहर ले जाया जा रहा था.
काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रवक्ता तेज बहादुर पौडयाल ने रॉयटर्स से कहा, ‘केवल पायलट को जीवित बचाया जा सका और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.’
पायलट मनीष शांक्य का पास के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनके सिर की चोट का इलाज चल रहा है. बचाव ऑपरेशन का नेतृत्व नेपाल सेना कर रही है.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ हीविमान में आग लग गई थी, लेकिन आग पर तुरंत काबू पा लिया गया.
बीबीसी के अनुसार, विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों पर त्रिभुवन एयरपोर्ट के प्रमुख ने कहा है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि काठमांडू से पोखरा की ओर जाने वाले इस विमान ने गलत मोड़ ले लिया था. एयरपोर्ट चीफ जगन्नाथ निरौला ने बीबीसी नेपाली से कहा, ‘उड़ान भरते ही विमान दायीं तरफ मुड़ गया जबकि इसे बायीं ओर मुड़ना था. हादसे की वजह के बारे में पूरी जांच के बाद पता चल सकेगा. हादसा उड़ान भरने के एक मिनट के अंदर ही हो गया था.’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ विमान स्थानीय कंपनी सौर्या एयरलाइंस का था. सौर्या दो बॉम्बार्डियर सीआरजे-200 क्षेत्रीय जेट विमानों के साथ नेपाल में घरेलू उड़ानें संचालित करता है. दोनों लगभग 20 साल पुराने हैं.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जनवरी में नेपाल के पोखरा में लैंड होने से ठीक पहले यति एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पांच भारतीयों सहित 72 लोगों की मौत हो गई थी.
खराब हवाई सुरक्षा व्यवस्था के लिए अक्सर नेपाल की आलोचना होती रही है. साल 2000 के बाद नेपाल में विमान या हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं में लगभग 350 लोग मारे गए हैं.