केंद्र सरकार ने कहा- मई माह में बीएसएनएल डेटा की चोरी हुई थी

बीते जून माह में लंदन की एक कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत की सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के डेटा की चोरी में अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी (आईएमएसआई) नंबर, सिम कार्ड की जानकारी और होम लोकेशन रजिस्टर (एचएलआर) के विवरण समेत काफ़ी मात्रा में अन्य संवेदनशील डेटा शामिल है.

दिल्ली स्थित बीएसएनएल मुख्यालय. (फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमंस)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के सिस्टम में डेटा चोरी के प्रयास की पुष्टि की है, और बताया है कि इसकी सूचना बीते 20 मई को मिली थी.

द हिंदू के मुताबिक, संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बुधवार को कांग्रेस सांसद अमर सिंह द्वारा लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) ने 20.05.2024 को बीएसएनएल में संभावित घुसपैठ और डेटा चोरी की सूचना दी थी.’

डॉ. पेम्मासानी ने कहा कि हालांकि इस उल्लंघन के कारण ‘सेवा बाधित नहीं हुई’, लेकिन ‘एक (बीएसएनएल) सर्वर में सीईआरटी-इन द्वारा साझा किए गए सैंपल डेटा के समान डेटा था.

डॉ. पेम्मासानी ने कहा कि ‘दूरसंचार नेटवर्क का ऑडिट करने और दूरसंचार नेटवर्क में डेटा चोरी की रोकथाम के लिए उपचारात्मक उपाय सुझाने’ हेतु एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है.

बीते जून माह में लंदन की कंपनी एथेनियन टेक की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ‘डेटा की इस चोरी में अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी (आईएमएसआई) नंबर, सिम कार्ड की जानकारी और होम लोकेशन रजिस्टर (एचएलआर) विवरण सहित अन्य महत्वपूर्ण डेटा समेत काफी मात्रा में संवेदनशील डेटा शामिल है.

यह डेटा इतना ‘महत्वपूर्ण’ था कि हैकर्स को बीएसएनएल के नेटवर्क में सेंध लगाने का मौका मिल गया और इसने हमलावरों को यूजर्स के सिम कार्ड ‘क्लोन’ करने में मदद की.