पंजाब: अवकाश पर आया अग्निवीर का जवान गिरोह बनाकर कर रहा था लूटपाट, गिरफ़्तार

इश्मीत सिंह नवंबर 2022 में अग्निवीर के रूप में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था. दो महीने पहले वह अवकाश पर घर आया था और फिर कभी वापस नहीं लौटा. पुलिस ने बताया कि वह अपने परिवार से दूर रहकर 20,000 रुपये का मामूली वेतन कमाने और अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित होने के चलते सेना में वापस नहीं जाना चाहता था.

आरोपियों से बरामद सामान के साथ प्रेस को संबोधित करती पुलिस. (फोटो साभार: एक्स/@sasnagarpolice)

नई दिल्ली: मोहाली पुलिस ने बुधवार (24 जुलाई) को चोरी और डकैती के मामले में अग्निवीर के एक जवान और दो अन्य को गिरफ्तार किया. आरोपियों की पहचान अग्निवीर इश्मीत सिंह उर्फ ईशु, उसके भाई प्रभप्रीत सिंह उर्फ प्रभ और बलकरण सिंह के रूप में हुई है. मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संदीप गर्ग ने कहा कि तीसरा आरोपी बलकरण सिंह इश्मीत का दोस्त है.

सभी आरोपियों की उम्र 18-22 वर्ष के बीच है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक चोरी की कार, एक मोटरसाइकिल, एक स्कूटर, 15 बोर का एक देसी पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस और दो चोरी के मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं.

छुट्टी लेकर आया अग्निवीर अपराधी बन गया?

नवंबर 2022 में इश्मीत सिंह अग्निवीर के रूप में भारतीय सेना भर्ती हुआ था. इश्मीत को पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया था. दो महीने पहले वह छुट्टी पर घर आया और फिर कभी ड्यूटी पर नहीं लौटा. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अग्निवीर इश्मीत के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल में तैनात था और इस साल मई में एक महीने की छुट्टी पर पंजाब आया था. लेकिन कम वेतन मिलने के कारण वह छुट्टी के बाद काम पर नहीं लौटा.’

एसएसपी ने कहा, ‘वह अपने परिवार से दूर रहकर 20,000 रुपये का मामूली वेतन कमाता था और अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित था. यही वजह थी कि वह सेना में वापस नहीं जाना चाहता था. ऐसा लगता है कि उसने अपराध करने का मन बना लिया था, क्योंकि छुट्टी पर आने के बाद वह हथियार खरीदने के लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर गया था, जिसका इस्तेमाल उसने अंततः कार चोरी में किया.’

पंजाब पुलिस ने भी इस अपराध में अग्निवीर की संलिप्तता के संबंध में भारतीय सेना को पत्र लिखा है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तीनों संदिग्ध पिछले करीब दो महीने से बलोंगी में किराए के कमरे में रह रहे थे. एसएसपी ने कहा है, ‘हम अग्निवीर इश्मीत सिंह के बारे में, उसकी भर्ती और पिछले रिकॉर्ड के बारे में पता लगा रहे हैं.’

घटना को कैसे अंजाम देते थे?

एसएसपी गर्ग ने गिरोह के काम करने के तरीके की जानकारी देते हुए बताया कि ये लोग ऑनलाइन ऐप के माध्यम से टैक्सियां बुक करते थे और फिर बंदूक की नोक पर ड्राइवरों को लूट लेते थे. वे चोरी के वाहनों पर नकली नंबर प्लेट लगाकर खुद चलाते थे या बेच देते थे.

अधिकारी ने कहा कि पुलिस को गिरोह के बारे में गुप्त सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर संदिग्धों के खिलाफ मोहाली के सदर कुराली थाने में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

कैसे पकड़े गए?

दरअसल, 20 जुलाई की रात गिरोह ने एक और घटना को अंजाम दिया. उन्होंने चप्परचिरी के पास एक टैक्सी रोकी, ड्राइवर की आंखों में मिर्च स्प्रे छिड़का और वाहन चुरा लिया. चालक के विरोध करने पर उन्होंने देसी पिस्तौल से गोली भी चलाई. इस मामले में बलोंगी थाने में मामला दर्ज किया गया.

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 307 (जान से मारने, चोट पहुंचाने या अवरोध पैदा करने के प्रयास के बाद चोरी करना), 308 (जबरन वसूली), 125 (मानव जीवन को खतरे में डालना) और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.