नई दिल्ली: बीते 24 जुलाई को मुजफ्फरनगर में आशुतोष शर्मा के पेट्रोल पंप पर सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा था. तभी वहां के कर्मचारी मनोज कुमार ने देखा कि कुछ कांवड़िये पेट्रोल पंप परिसर में आराम कर रहे हैं और सिगरेट पी रहे हैं. उन्होंने कांवड़ियों को पेट्रोल पंप से दूर जाने के लिए कहा. उन्हें बताया कि यहां धूम्रपान करना कितना खतरनाक हो सकता है.
जल्द ही इस विवाद ने हमले का रूप ले लिया. कांवड़ियों ने पेट्रोल पंप के कर्मचारी का कॉलर पकड़ लिया और उन्हें पीटना शुरू कर दिया. खुद को बचाने की कोशिश में मनोज कुमार पेट्रोल पंप के सेलरूम की ओर भागे और दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया. कांवड़ियों के एक समूह ने कमरे के पिछले दरवाजे से घुसकर मनोज कुमार को दबोच लिया.
पेट्रोल पंप का प्रबंधन देखने वाले आशुतोष शर्मा ने द वायर को बताया, ‘उन्होंने बेसबॉल के बल्ले जैसी किसी चीज से मनोज कुमार के सिर पर वार किया.’
इस दौरान पेट्रोल पंप पर कांवड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती रही. वे कुमार और अन्य कर्मचारियों को पीटते रहे और सेलरूम सहित परिसर में तोड़फोड़ भी की. शर्मा ने बताया, ‘कंप्यूटर, गेट, कैश काउंटिंग मशीन, बायोमेट्रिक मशीन, प्रिंटर और कई अन्य सामानों को नुकसान पहुंचाया या तोड़ दिया.’
सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से हिंसा को देखने वाले शर्मा ने कहा, ‘वे जो कुछ भी तोड़ सकते थे, उन्होंने तोड़ दिया.’ शर्मा के अनुसार, उन्हें 15-20 लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है.
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि कुमार ने जब कमरे से भागने की कोशिश की तो कांवड़ियों ने उन्हें बाहर ही पकड़ लिया और उनकी पीठ पर कई वार किए. कुमार को कई फ्रैक्चर आए हैं और सिर में चोट है. टांके भी लगे हैं. उन्हें मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
‘कांवड़ियों को सज़ा का डर नहीं है’
पिछले हफ्ते से कांवड़ यात्रा मार्ग पर कांवड़ियों द्वारा की जा रही हिंसा पर टिप्पणी करते हुए शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के सख्त निर्देशों के कारण प्रशासन बैकफुट पर चला गया है. सरकार का निर्देश है कि तीर्थयात्रा के दौरान कांवड़ियों का ध्यान रखना है. यही वजह है कि उन्हें सजा का डर नहीं है.
दो दशकों से कांवड़ यात्राओं को करीब से देख रहे शर्मा ने कहा, ‘कांवड़िये उन्हें मिलने वाली सुविधाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे जानते हैं कि उनके किसी भी तरह के दुर्व्यवहार या हिंसा में लिप्त होने के बावजूद उनके साथ कुछ भी नहीं किया जाएगा. मुझे डर है कि इस प्रवृत्ति और कांवड़ियों की बड़ी संख्या को देखते हुए जल्द ही एक बड़ी घटना हो सकती है, जैसे- लिंचिंग या भगदड़ जैसा कुछ.’
पेट्रोल पंप के पास ही शर्मा के दो होटल भी चलते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान स्थानीय प्रतिष्ठानों (दुकान, इत्यादि) में इतना डर कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा, ‘इस बार हम भीड़ (कांवड़ियों की) को देखकर थोड़े चिंतित हैं.’
पुलिस ने कहा आम को लेकर हुआ विवाद
शर्मा की शिकायत पर मंसूरपुर पुलिस थाने में दंगा करने, चोट पहुंचाने और एसिड का उपयोग करके गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई. द वायर द्वारा देखी गई शिकायत पत्र में शर्मा ने कहा है कि उनके स्टाफ पर हमला 40-50 अज्ञात कांवड़ियों द्वारा किया गया था. मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा कि यह घटना तब हुई, जब पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने कांवड़ियों द्वारा परिसर में आमों की गुठली फेंकने पर आपत्ति जताई. पुलिस उपाधीक्षक रामाशीष यादव ने बताया कि केवल एक खिड़की का शीशा क्षतिग्रस्त हुआ है.
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, कांवड़ यात्रा के दौरान इस तरह की कई घटनाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर-सहारनपुर बेल्ट में हुई हैं. इस साल कांवड़ियों ने राह चलते कई लोगों पर कांवड़ अपवित्र करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं. कांवड़ियों ने अपने भोजन में प्याज और लहसुन परोसे जाने पर भी तोड़फोड़ की है.
19 जुलाई को मुजफ्फरनगर के छापर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर कांवड़ियों के एक समूह ने कथित तौर पर भोजन में प्याज और लहसुन परोसे जाने के बाद एक भोजनालय में तोड़फोड़ कर दी थी. यात्रा के दौरान, कांवड़िये सख्त शाकाहारी भोजन का पालन करते हैं और लहसुन और प्याज से परहेज करते हैं.
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