नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में दो राज्यों आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष आर्थिक पैकेज दिया है. इन दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के दो महत्वपूर्ण घटक दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की सरकार है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनेस स्टैंडर्ड ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा इन दोनों राज्यों को दिए गए विशेष पैकेज से सरकारी खजाने पर 20 हजार से 30 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है.
अखबार के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आंध्र प्रदेश को 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. वहीं, बिहार को 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. इसमें से ज्यादातर रकम का आवंटन राज्य को दी जाने वाली मांग के तहत विशेष सहायता (special assistance under the demand- Transfers to state) मद के अंतर्गत किया गया है.
मालूम हो कि वित्त वर्ष 2025 के अंतरिम बजट में इस मद में 4,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, लेकिन पूर्ण बजट में आवंटन 4 गुना बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये कर दिया गया.
ज्ञात हो कि बीते महीने जून में घोषित लोकसभा चुनाव के परिणाम में भाजपा पूर्ण बहुमत से चूक गई थी और ऐसे में केंद्र में मोदी सरकार की स्थिरता के लिहाज से जदयू और तेदेपा महत्त्वपूर्ण सहयोगी हैं. दोनों राज्यों ने बजट से पहले हुई बैठकों में अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की थी.
गौरतलब है कि वित्तीय पैकेज में इन दो राज्यों को किए गए बड़े आवंटन को भाजपा की ओर से ये सुनिश्चित करने का प्रयास माना जा रहा है कि उसके सहयोगी संतुष्ट रहें.
हालांकि, पूर्व में तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार दोनों ही विपक्षी समूहों का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने भाजपा का विरोध किया है.