नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार (29 जुलाई) को केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तब बहस की स्थिति बन गई जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी को अपने भाषण के दौरान उद्योगपति गौतम अडानी और मुकेश अंबानी का नाम लेने से बार-बार रोका गया. वहीं, संसद टीवी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें बजट के हलवा समारोह के दौरान की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तस्वीर नहीं दिखाने दी.
गौरतलब है कि इससे पहले भी अंबानी और अडानी संबंधी गांधी के बयानों को संसदीय रिकॉर्ड से हटाया जा चुका है.
अपने भाषण में गांधी ने महाभारत में अभिमन्यु के चक्रव्यूह में मारे जाने के प्रसंग का जिक्र करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साथा. उन्होंने कहा, ‘अभिमन्यु को छह लोगों ने चक्रव्यूह में मारा था. चक्रव्यूह का एक और नाम होता है ‘पद्म व्यूह’, जो कमल के फूल के आकार का होता है. इक्कीसवीं सदी में नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है, वो भी कमल के आकार में है और उसका चिह्न प्रधानमंत्री अपनी छाती पर लगाकर चलते हैं. जो अभिमन्यु के साथ किया गया था, वही हिंदुस्तान के युवाओं, किसानों, माता-बहनों, लघु उद्योगों और मध्यम उद्योगों के साथ किया गया है.’
गांधी ने कहा कि चक्रव्यूह में हजारों लोग होते हैं, लेकिन इसके केंद्र में छह लोग होते हैं जो इसे नियंत्रित करते हैं. उन्होंने कहा, ‘इस चक्रव्यूह को भी छह लोग नियंत्रित करते हैं; नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल तथा अडानी और अंबानी.’
इस पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ा विरोध हुआ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने लिखित में दिया है कि जो लोग सदन के सदस्य नहीं हैं, उनका उल्लेख नहीं किया जाएगा.
गांधी ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा, ‘अगर आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम हटा दूंगा.’
गांधी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि यह बजट इस चक्रव्यूह को कमजोर कर देगा और किसानों, मजदूरों तथा लघु और मध्यम उद्योगों की मदद करेगा. लेकिन इस बजट का उद्देश्य बड़े उद्योगों के एकाधिकार और राजनीतिक एकाधिकार के ढांचे को मजबूत करना है, जो लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करते हैं. गांधी ने कहा कि मध्यम वर्ग ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन दिया था, लेकिन केंद्रीय बजट ने उन्हें पीठ और सीने दोनों में छुरा घोंपा है. यहां उन्होंने एक बार फिर अडानी और अंबानी का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, ‘मध्यम वर्ग शायद इस बजट से पहले प्रधानमंत्री को समर्थन करता था. जब प्रधानमंत्री ने कोविड के समय उनसे थाली बजवाई तो उन्होंने दबाकर थाली बजाई. उसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल फोन की लाइट जलाओ तो पूरे हिंदुस्तान में मध्यम वर्ग ने मोबाइल फोन की लाइट जला दी. अब इसी बजट में आपने मध्यम वर्ग के एक छुरा पीठ में मारा और दूसरा छुरा छाती में.’
वह आगे बोले, ‘आप चाहते हो कि हिंदुस्तान छोटे-छोटे खांचों में बंटा रहे और हिंदुस्तान के गरीब लोग सपना न देख पाएं. सिर्फ अडानी और अंबानी… ‘
जब गांधी ने एक बार फिर अडानी और अंबानी का नाम लिया, तो बिड़ला ने बीच में टोकते हुए उन्हें गोगोई के पत्र की याद दिलाई.
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू अपनी सीट से उठे और राहुल गांधी पर सदन के नियम न जानने और लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला से सवाल करके सदन की गरिमा गिराने का आरोप लगाया.
सत्ता पक्ष की ओर से भारी विरोध के बीच गांधी ने कहा कि वह अडानी और अंबानी को ए1 और ए2 कहकर संबोधित करेंगे, और साथ ही कहा कि केंद्रीय मंत्री को उनका बचाव करने के लिए ‘ऊपर से आदेश मिले हैं.’
गांधी बोले, ‘ऊपर से आदेश आया है. मैं समझ सकता हूं. इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. उन्हें (रिजिजू) उनका बचाव करने की अनुमति दी गई है. यह लोकतंत्र है. उन्हें ए1 और ए2 का बचाव करने की अनुमति है.’
इस पर रिजिजू ने कहा कि वह सदन के नियमों के बारे में अपनी बात रखने के लिए अपनी सीट से उठे थे.
‘देश का हलवा’
जब गांधी ने पारंपरिक हलवा समारोह की तस्वीर दिखाई, जो बजट पेश होने से एक दिन पहले किया जाता है, तो उस समय काफी गहमागहमी देखने को मिली. जब गांधी ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तस्वीर दिखाने की कोशिश की, तो संसद टीवी ने हर बार जब गांधी ने तस्वीर दिखाई, तो बिड़ला को दिखाया.
गांधी ने आरोप लगाया कि जब भी उन्होंने तस्वीर दिखाई, कैमरे बिड़ला की तरफ मोड़ दिए गए. इस पर बिड़ला ने कहा कि पोस्टर दिखाने की अनुमति नहीं है. राहुल गांधी ने संसद में उक्त फोटो दिखाते हुए अपनी एक तस्वीर एक्स (ट्विटर) पर भी डाली है.
आज संसद में जब मैंने जातिगत जनगणना की बात उठाई तो वित्त मंत्री ने हंस कर इस गंभीर विषय का उपहास किया।
देश की 90% आबादी के जीवन से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर ऐसी उपेक्षापूर्ण प्रतिक्रिया ने भाजपा की मंशा, मानसिकता और नीयत से पर्दा हटा दिया है।
मैं भाजपा को बता देना चाहता… pic.twitter.com/ihZkN7mppv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 29, 2024
बहरहाल, राहुल गांधी ने इसके बाद अपने भाषण में कहा, ‘बजट का हलवा बंट रहा है. इस फोटो में मुझे एक ओबीसी अफसर नहीं दिख रहा, एक आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा, एक दलित अफसर नहीं दिख रहा, ये हो क्या रहा है. देश का हलवा बंट रहा है. इसमें 72 प्रतिशत हैं ही नहीं, आप हलवा खा रहे हो, बाकी देश को हलवा मिल ही नहीं रहा है. 20 अफसरों ने बजट तैयार किया. मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटने का काम किया है. इनमें सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी हैं. और इस फोटो में एक भी नहीं है. मैं चाहता था कि बजट में जातिगत जनगणना की बात उठे. 95 प्रतिशत देशवासी जातिगत जनगणना चाहते हैं क्योंकि सबको अपनी भागीदारी का पता लगाना है.’