झारखंड: मुंबई-हावड़ा मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतरे, दो लोगों की मौत

रेल दुर्घटना दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के चक्रधरपुर डिवीजन में बड़ाबांबू के पास मंगलवार सुबह 3.45 बजे हुई, जिसमें 20 के क़रीब लोग घायल भी हुए हैं. इस महीने ट्रेन के पटरी से उतरने की कई घटनाएं सामने आई हैं.

झारखंड में चक्रधरपुर के पास मंगलवार सुबह मुंबई-हावड़ा मेल के करीब 18 डिब्बे पटरी से उतर गए. (फोटो साभार: X/@siddharatha05)

नई दिल्ली: झारखंड में चक्रधरपुर के पास मंगलवार सुबह मुंबई-हावड़ा मेल के करीब 18 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए. बचाव अभियान अभी जारी है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह दुर्घटना 30 जुलाई सुबह 3.45 बजे सरायकेला-खरसावां जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर बड़ाबांबू में हुई, यह क्षेत्र दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह घटना एक डिब्बा दूसरे डिब्बे से टकराने से हुई. रेलवे सूत्रों ने बताया कि टक्कर के कारण डिब्बे का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.

सूत्रों ने बताया कि चक्रधरपुर डिवीजन में हुई इस दुर्घटना के कारणों की रेलवे अधिकारी जांच कर रहे हैं. हालांकि, एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘कोई टक्कर नहीं हुई. पटरी से उतरना परिचालन संबंधी त्रुटि या पटरियों, पहियों की किसी यांत्रिक खराबी के कारण हो सकता है. सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है.’

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि जिस बी-4 डिब्बे में दोनों मृतक फंसे थे, उसे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों की मदद से काटा जा रहा है, ताकि यह देखा जा सके कि कोई अन्य व्यक्ति फंसा हुआ है या नहीं.

सूत्र ने बताया, ‘मेडिकल टीम और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) घटनास्थल पर अपना काम कर रहे हैं. मृतक कोच के शौचालय में फंस गए थे.’ जिला प्रशासन ने बताया कि रेलवे ने राहत ट्रेन भेजी है और बचाए गए कुछ यात्रियों को अस्पताल ले जाया गया है.

पांच ट्रेनें रद्द, चार को बीच में ही रोका गया

दक्षिण पूर्व रेलवे के अनुसार, झारखंड में पटरी से उतरने की घटना के कारण करीब पांच ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और चार अन्य को बीच में ही रोक दिया गया है.

मंगलवार को रद्द की गई ट्रेनों में हावड़ा-टिटलागढ़-कांटाबाजी एक्सप्रेस, खड़गपुर-धनबाद एक्सप्रेस, हावड़ा-बड़बिल-हावड़ा जन शताब्दी एक्सप्रेस, टाटानगर-इतवारी एक्सप्रेस और शालीमार-एलटीटी एक्सप्रेस शामिल हैं.

निम्नलिखित ट्रेनें बदले हुए मार्ग से चलेंगी: 1. ट्रेन संख्या 13287: दुर्ग-आरा एक्सप्रेस 30.07.2024 को शुरू होगी और राउरकेला-नुआगांव-मुरी-कोटिशिला-बोकारो स्टील सिटी-भोजडीह-जयचंदी पहाड़ू-आसनसोल के रास्ते चलेगी. 2. ट्रेन संख्या 13288: आरा-दुर्ग एक्सप्रेस, जो 29.07.2024 को चलनी शुरू हुई थी, वह परिवर्तित मार्ग आसनसोल-जयचंडी पहाड़ भोजूडीह-बोकारो स्टील सिटी वाया कोटशिला मुरी-नुआगांव-राउरकेला होकर चलेगी.

3. ट्रेन संख्या 12130: हावड़ा-पुणे एक्सप्रेस जो 29.07.2024 को चलनी शुरू हुई थी, परिवर्तित मार्ग सिनी-कांड्रा-पुरुलिया-हटिया-नुआगांव-राउरकेला होकर चलेगी.

4. ट्रेन संख्या 18005 हावड़ा-जगदलपुर एक्सप्रेस जो 29.07.2024 को चलनी शुरू हुई थी, वह चांडिल-मुरी-हटिया-राउरकेला होकर चलेगी.

5. ट्रेन संख्या 12834: हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस, जो 29.07.2024 को अपनी यात्रा शुरू करेगी, को चांडिल-पुरुलिया-हटिया-राउरकेला के रास्ते चलाया जाएगा.

6. ट्रेन संख्या 18029: लोकमान्य तिलक टर्मिनल-शालीमार एक्सप्रेस, जो 28.07.2024 को शुरू होगी, राउरकेला हटिया पुरुलिया-टाटानगर के रास्ते चलेगी.

7. ट्रेन संख्या 12859 मुंबई सीएसटीएम-हावड़ा एक्सप्रेस, जो 29.07.2024 से शुरू होगी, अपने निर्धारित मार्ग के बजाय परिवर्तित मार्ग राउरकेला-हटिया-पुरुलिया-टाटानगर के रास्ते चलेगी.

8. ट्रेन संख्या 12833 अहमदाबाद हावड़ा एक्सप्रेस, जो 28.07.2024 को शुरू होगी, अपने निर्धारित मार्ग के बजाय बदले हुए मार्ग राउरकेला-हटिया-पुरुलिया-टाटानगर के रास्ते चलेगी.

ममता बनर्जी ने साधा निशाना

इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और रेल दुर्घटना को लेकर केंद्र पर निशाना साधा.

उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘एक और विनाशकारी रेल दुर्घटना! झारखंड के चक्रधरपुर डिवीजन में आज सुबह हावड़ा-मुंबई मेल पटरी से उतर गई, कई मौतें और बड़ी संख्या में घायल होना दुखद परिणाम है. मैं गंभीरता से पूछती हूं, क्या यही शासन है? लगभग हर हफ्ते दुःस्वप्नों की यह शृंखला, रेलवे पटरियों पर मौतों और चोटों का यह अंतहीन सिलसिला: हम इसे कब तक बर्दाश्त करेंगे? क्या भारत सरकार की बेरुखी का कोई अंत नहीं होगा?!’

वहीं, कांग्रेस ने दुर्घटना को लेकर भाजपा सरकार को निशाना साधते हुए कहा कि जून-जुलाई में हुए रेल हादसों में 21 लोगों की जान चली गई और 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए.

एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस ने कहा, ‘मोदी सरकार, रेल मंत्रालय और रील मंत्री की गंभीरता को समझिए, खस्ता रेल व्यवस्था से देश में मौत का तांडव चल रहा है, लेकिन किसी की जवाबदेही तय नहीं हो रही. रेल मंत्री का जिम्मेदारी से दूर-दूर तक नाता नहीं है और मोदी तो अपनी दुनिया में मस्त हैं. जनता मरे तो मरे, इन्हें फर्क नहीं पड़ता.’

मालूम हो कि इस महीने ट्रेन के पटरी से उतरने की कई घटनाएं सामने आई हैं. 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 20 लोग घायल हो गए.

इसके बाद 20 जुलाई और रविवार 21 जुलाई को  तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात बाधित रहा था. उत्तर प्रदेश में गोंडा से गाजियाबाद तक जा रही एक मालगाड़ी अमरोहा रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई, जिससे लखनऊ-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात प्रभावित हुआ. इस घटना में किसी के हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना के कारण 28 पैसेंजर ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा और छह ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.

इसी दौरान 21 जुलाई तड़के 2.30 बजे राजस्थान के अलवर में एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे अलवर-मथुरा रेल मार्ग प्रभावित हुआ. इस घटना में भी किसी यात्री या मालगाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचा. इसी दिन पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर एक खाली मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी.

करीब महीनेभर पहले ही पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस ट्रेन हादसे में लोको पायलट समेत 15 लोगों के मारे गए थे.