नई दिल्ली: केरल के वायनाड जिले के मेप्पाडी में 30 जुलाई की सुबह हुए दो भूस्खलन में 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोगों के मिट्टी और मलबे में दबे होने की आशंका है.
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव शेखर कुरियाकोस ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस क्षेत्र में पहले भी बड़े भूस्खलन हुए हैं और मौजूदा स्थिति गंभीर है. अधिकारी ने कहा, ‘अब तक करीब 49 शव बरामद किए जा चुके हैं. हम तलाशी और बचाव के लिए और अधिक टीमें गठित करने की दिशा में काम कर रहे हैं.’
रिपोर्ट के अनुसार, केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अग्निशमन और बचाव सेवाओं, जिसे फायर फोर्स कहा जाता है, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने भारी बारिश के बीच बचाव अभियान जारी रखने के लिए टीमों को तैनात किया है. केरल सरकार ने सेना की मदद का अनुरोध किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास से 43 लोगों की एक टीम को तैनात किया गया है. पांच राज्य मंत्रियों को भी घटनास्थल पर ड्यूटी सौंपी गई है.
अधिकारियों के हवाले से स्थानीय समाचार पत्र ने कहा है कि मलप्पुरम के नीलांबुर क्षेत्र में बहने वाली चालियार नदी में कई लोगों के बह जाने की आशंका है. ताजा रिपोर्टों के अनुसार, नदी में 15 शव पाए गए.
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि मुंदक्कई पंचायत के सदस्य के. बाबू ने कहा कि बचाव कार्य अभी तक गांव तक नहीं पहुंचे हैं, जो बुरी तरह प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा, ‘गांव तक जाने वाले पुल और सड़कें बह गई हैं.’
पीटीआई के अनुसार, इलाके में पहला भूस्खलन करीब 2 बजे हुआ. सुबह करीब 4.10 बजे जिले में दूसरा भूस्खलन हुआ.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भूस्खलन के कारण कई परिवार लापता हैं. कहा जा रहा है कि इस त्रासदी में कम से कम 400 परिवार फंसे हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन से प्रभावित हुए और संपर्क से कट गए.
वायनाड की जिला कलेक्टर मेघश्री डीआर ने कहा कि बचाव अभियान में सहायता के लिए हेलीकॉप्टरों के अलावा एनडीआरएफ की टीम और सेना की टुकड़ियां भी पहुंची हुई हैं.
उन्होंने एक बयान में कहा कि सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ स्वयंसेवक और स्थानीय निवासी बचाव अभियान में सहयोग कर रहे हैं. ये विनाशकारी भूस्खलन अगस्त 2019 में वायनाड के पुथुमाला में हुए भूस्खलन की याद दिलाते हैं, जिसमें एक पूरा गांव बह गया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बचाव अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं.
राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन ने कहा कि स्थिति गंभीर है और सरकार ने बचाव कार्यों में सहायता के लिए सभी एजेंसियों पर दबाव डाला है.
रिपोर्ट के अनुसार, कोझिकोड जिले के विलंगड इलाके से एक और भूस्खलन की सूचना मिली है. एक व्यक्ति लापता है और एनडीआरएफ ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. 15 परिवार अलग-थलग हैं, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
कई परिवारों को विभिन्न शिविरों में ले जाया गया
जिला अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन के मद्देनजर कई परिवारों को विभिन्न शिविरों या उनके रिश्तेदारों के घर ले जाया गया है.
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में अग्निशमन और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है, साथ ही वायनाड के लिए एक अतिरिक्त एनडीआरएफ टीम भेजी गई है.
भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर – एमआई17 और एएलएच – बचाव कार्यों में सहायता के लिए सुलूर एयर बेस से भेजे जा रहे हैं.
प्रभावित क्षेत्रों के स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, ‘जब से हमें घटना के बारे में पता चला है, सरकारी तंत्र बचाव अभियान में जुट गए हैं. मंत्री वायनाड का दौरा करेंगे और गतिविधियों का नेतृत्व करेंगे.’
वहीं, वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया है, जिसमें राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के कार्यकर्ताओं से बचाव कार्यों में सहायता करने का आग्रह किया गया है.
I am deeply anguished by the massive landslides near Meppadi in Wayanad. My heartfelt condolences go out to the bereaved families who have lost their loved ones. I hope those still trapped are brought to safety soon.
I have spoken to the Kerala Chief Minister and the Wayanad…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 30, 2024
उन्होंने कहा, ‘मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड जिला कलेक्टर से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि बचाव अभियान चल रहा है. मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करने का अनुरोध किया है.’
केंद्र सरकार मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देगी.