नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार पर आम बजट में गैर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासित प्रदेशों से भेदभाव के आरोपों के बीच अब पंजाब के कांग्रेस विधायक और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने पेरिस ओलंपिक के खिलाड़ियों के लिए दिए गए फंड में पंजाब और हरियाणा से भेदभाव का आरोप लगाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने एक पोस्ट में सिंह ने लिखा, ‘पेरिस ओलंपिक में 48 खिलाड़ी भेजने के बावजूद पंजाब और हरियाणा को क्रमशः 78 करोड़ रुपये और 66 करोड़ रुपये मिले, जबकि यूपी और गुजरात को केवल 9 एथलीट भेजने पर 438 करोड़ और 426 करोड़ रुपये मिले. क्या यह भेदभावपूर्ण बंटवारा नहीं है?’
परगट सिंह ने अपनी पोस्ट में सवाल किया कि आखिर भाजपा कब तक राज्यों के साथ यह भेदभाव जारी रखेगी?
Despite sending 48 athletes to the Paris #Olympics, Punjab & Haryana received ₹78 crore & ₹66 cr, respectively, while UP & Gujarat,sending only 9 athletes,got ₹438 crore & ₹426 cr. Is this not biased distribution? How long will BJP continue this discrimination against states? pic.twitter.com/j9lkHOUvpk
— Pargat Singh (@PargatSOfficial) July 29, 2024
मालूम हो कि परगट सिंह जालंधर छावनी से विधायक हैं. उन्होंने केंद्र सरकार की ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत खेल के बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) तैयार करने के लिए जारी की गई राशि की एक सूची भी सोशल मीडिया पोस्ट पर शेयर की है.
इस सूची के अनुसार, खेला इंडिया योजना के तहत जारी किए गए कुल 2,168.78 करोड़ रुपये की राशि में से एक बड़ा हिस्सा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों- उत्तर प्रदेश (438 करोड़ रुपये) और गुजरात (426 करोड़ रुपये) को दिया गया है. वहीं, अमूमन खेलों में आगे रहने वाले राज्यों- पंजाब और हरियाणा को क्रमशः 78.02 करोड़ और 66.59 करोड़ रुपये मिले हैं.
ज्ञात हो कि भारत के 117 सदस्यीय ओलंपिक दल में सर्वाधिक खिलाड़ी हरियाणा (24) हैं. इसके बाद पंजाब के 19 खिलाड़ी शामिल हैं. वहीं दूसरी ओर गुजरात से केवल दो और उत्तर प्रदेश से सात एथलीट पेरिस में ओलंपिक में भाग ले रहे हैं.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस साल खेल मंत्रालय के लिए 3,442.32 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसमें पिछले बजट 3, 396.96 करोड़ से महज़ 45.36 करोड़ की बढ़ोत्तरी की गई है.
इस खेल बजट का बड़ा हिस्सा खेलो इंडिया योजना के लिए दिया गया है, जो जमीनी स्तर के खेलों को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है. इसके आवंटन में भी मात्र 20 करोड़ रुपये ही बढ़ाए गए हैं.