नई दिल्ली: चुनावों पर निगरानी रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सोमवार (29 जुलाई) को कहा कि हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव-2024 में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों की संख्या और गिने गए मतों की संख्या में विसंगतियां थीं.
द हिंदू के मुताबिक, एडीआर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 362 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल जितने मत डाले गए थे, उनकी तुलना में 5,54,598 मत कम गिने गए. वहीं, 176 निर्वाचन क्षेत्रों में गिने गए मतों की संख्या डाले गए मतों से कुल 35,093 अधिक थी.
एडीआर ने अंतिम मतदान प्रतिशत को जारी करने में अत्यधिक देरी पर भी सवाल उठाया.
एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने सवाल किया कि क्या चुनाव परिणाम मिलान किए गए अंतिम आंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए थे, और कहा कि ‘इससे चुनाव परिणामों की सत्यता को लेकर चिंता और सार्वजनिक संदेह पैदा होता है.’
‘2024 के लोकसभा चुनाव में डाले गए वोटों और गिने गए वोटों के बीच विसंगतियां: विविध दृष्टिकोण’ शीर्षक वाली एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव के परिणाम घोषित करते समय अमरेली, अट्टिंगल, लक्षद्वीप, दादर नागर हवेली, और दमन और दीव को छोड़कर 538 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए मतों के बीच महत्वपूर्ण विसंगतियां देखी गईं.
एडीआर ने कहा, ‘सूरत निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव नहीं लड़ा गया. इसलिए 538 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 5,89,691 मतों की विसंगति है.’
संगठन ने एक बयान में कहा, ‘चुनाव आयोग अब तक मतगणना के अंतिम और प्रामाणिक आंकड़े जारी करने से पहले चुनाव परिणाम घोषित करने, ईवीएम में डाले गए मतों और ईवीएम में गिने गए मतों में अंतर, मतदान प्रतिशत में वृद्धि, डाले गए मतों की संख्या का खुलासा न करने, डाले गए मतों के आंकड़ों को जारी करने में अनुचित देरी और अपनी वेबसाइट से कुछ डेटा को हटाने के संबंध में कोई उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है.’
संगठन ने कहा कि चुनावों की शुचिता और वैधता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग को प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या, मतदाता रजिस्टर में दर्ज मतदाताओं की कुल संख्या और सभी संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में ईवीएम के अनुसार मतदाताओं की संख्या प्रकाशित करनी चाहिए.
एडीआर ने आगे कहा, ‘मतदाताओं के मन से किसी भी प्रकार की आशंकाओं को दूर करने के लिए, चुनाव आयोग को 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों और भविष्य के सभी चुनावों के लिए सार्वजनिक डोमेन में निम्नलिखित जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए-वैधानिक फॉर्म 17सी, फॉर्म 20, फॉर्म 21सी, फॉर्म 21डी और फॉर्म 21ई.’