नई दिल्ली: मॉनसून की पहली बारिश में राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल एक की छत गिर गई थी. हालांकि, तब ये किसी ने नहीं सोचा होगा की मॉनसून के आगे बढ़ते ही 971 करोड़ रुपये की लागत से बने नए संसद भवन की छत भी टपकने लगेगी.
बिज़नेस स्टैंर्ड की खबर के मुताबिक, दिल्ली में बुधवार (31 जुलाई) को हुई भारी बारिश के बीच नए संसद भवन में छत से पानी टपकने लगा. सोशल मीडिया पर नए भवन की छत से पानी टपकने का वीडियो वायरल हो गया है. इसे लेकर विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
इस वीडियो शेयर करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते फिर से पुरानी संसद की तरफ चलने की बात कही. साथ ही उन्होंने नए भवन के निर्माण में गड़बड़ी की तरफ भी इशारा किया.
इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी, जहाँ पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम-से-कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है।
जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी… pic.twitter.com/PpJ36k6RJm
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 1, 2024
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ‘इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी, जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे. क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम-से-कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है. जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझकर बनाई गई डिज़ाइन का हिस्सा होता है या फिर… ’
मालूम हो कि नए संसद भवन की आधारशिला 10 दिसंबर, 2020 को रखी गई थी और इसका उद्घाटन 28 मई, 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था. इस भवन का उपयोग पहली बार आधिकारिक तौर पर 19 सितंबर, 2023 को संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित करने के लिए किया गया था.
कांग्रेस ने भी नई संसद के छत से पानी टपकने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘बाहर पेपर लीक, अंदर पानी लीक’. टैगोर ने इस मामले में एक विशेष कमेटी द्वारा जांच करवाने का भी बात कही.
टैगोर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि निर्माण पूरा होने के साल भर बाद ही नए संसद भवन की लॉबी से पानी टपकता नजर आ रहा है. इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव ला रहे हैं.
Paper leakage outside,
water leakage inside. The recent water leakage in the Parliament lobby used by the President highlights urgent weather resilience issues in the new building, just a year after completion.
Moving Adjournment motion on this issue in Loksabha. #Parliament pic.twitter.com/kNFJ9Ld21d— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) August 1, 2024
वहीं, आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी एक ट्वीट किया गया, जिसमें लिखा था, ‘1200 करोड़ से बनकर तैयार हुई संसद को अब 120 रुपये की बाल्टी का ही सहारा है.’
₹1200 करोड़ से बनकर तैयार हुई संसद को अब ₹120 की बाल्टी का ही सहारा है ⁉️ pic.twitter.com/kKlJTEK81N
— AAP (@AamAadmiParty) August 1, 2024
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधा. महुआ ने कहा कि ये सरकार तो वॉटर लीकेज सरकार है. ये संसद भवन नहीं नरेंद्र मोदी का ईगो है. हम पहले ही दिन से ही कह रहे हैं कि इसे जल्दबाजी में बनाया गया है. इस देश की जनता ने उन्हें एक सबक दिया है, अब प्रकृति भी उन्हें कुछ दिखाना चाह रही है.
New parliament lobby is leaking water. Given the building is a monstrous edifice to @narendramodi ‘s ego it is only fitting that it has got shaky post 2024 lok sabha results. Bharat Mandapam leaks another case in point. pic.twitter.com/3WUO0xokzr
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 1, 2024
गौरतलब है कि लोकसभा में इस संबंध में चर्चा को लेकर कांग्रेस सांसद की ओर से एक नोटिस भी दिया गया, जिसे अध्यक्ष ओम बिरला ने खारिज़ कर दिया.
इस मामले को लेकर राज्यसभा सचिवालय का भी जवाब सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि ग्रीन पार्लियामेंट की संकल्पना के तहत प्राकृतिक रोशनी के लिए लॉबी सहित भवन के कई हिस्सों में ग्लास डोम (कांच के गुंबद) लगाए गए हैं, बुधवार को भारी बारिश के दौरान लॉबी के ऊपर लगे गुंबद को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एडहेसिव थोड़ा हट गया था, जिससे पानी का मामूली रिसाव हो गया. हालांकि इसे बाद में ठीक कर दिया गया.