नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (2 अगस्ता) को एक बड़ा दावा करते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि संसद में उनके ‘चक्रव्यूह’ भाषण के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उन पर छापमारी की योजना बना रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में ये भी कहा कि उन्हें इसकी जानकारी ईडी के अंदर के लोगों से मिली है और वो किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं.
एक्स पर राहुल गांधी ने लिखा, ‘जाहिर है, दो में से एक को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण पंसद नहीं आया. ईडी के अंदर के लोगों से मुझे मालूम चला है कि छापेमारी की तैयारी की जा रही है.’
मालूम हो कि राहुल गांधी ने ये ट्वीट रात करीब दो बजे किया. उन्होंने अपने ट्वीट में ईडी को भी टैग किया.
Apparently, 2 in 1 didn’t like my Chakravyuh speech. ED ‘insiders’ tell me a raid is being planned.
Waiting with open arms @dir_ed…..Chai and biscuits on me.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 1, 2024
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 29 जुलाई को लोकसभा में केंद्रीय बजट पर अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने महाभारत के चक्रव्यूह का ज़िक्र करते हुए मोदी सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा था कि जिस तरह अर्जुन पुत्र अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाया गया था, उसी प्रकार आज देश भी नरेंद्र मोदी, उनके वफादारों और भय के माहौल में फंस गया है.
राहुल ने कहा था, ‘महाभारत में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर छह लोगों ने मारा था. इस चक्रव्यूह का एक और नाम होता है पद्मव्यूह. 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है, वो भी कमल के फूल की आकृति में है और उसका निशान प्रधानमंत्री जी अपनी छाती पर लगाकर चलते हैं.’
राहुल गांधी ने कहा था कि हिंदुस्तान के युवाओं, किसानों और माताओं-बहनों को भी अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाया जा रहा है. महाभारत के चक्रव्यूह की तरह ही आज भी चक्रव्यूह को छह लोग नियंत्रित कर रहे हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, और व्यवसायी गौतम अडानी और मुकेश अंबानी शामिल हैं.
राहुल गांधी के इस बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि जो शख्स इस सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम न लिया जाए. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर वो चाहते हैं कि वो अजित डोभाल, अडानी और अंबानी का नाम न लें तो वो नहीं लेंगे.
इसके बाद ओम बिरला ने अंतिम चार नामों को हटा दिया, जैसा कि एसएन साहू ने द वायर के लिए अपने विश्लेषण में भी लिखा है.
एसएन साहू के अनुसार, इस समय भारत को नियंत्रित करने वाली तीन शक्तियां हैं, जिसका उल्लेख राहुल गांधी ने भी अपने भाषण में किया था. इसमें पूंजी पर एकाधिकार, राजनीतिक एकाधिकार और सरकारी एजेंसियों जैसे ईडी, सीबीआई पर नियंत्रण शामिल है.
साहू लिखते हैं, ‘महाकाव्यों से आज की चुनौतियों को जोड़ना तर्कसंगत,बहुलवादी वैश्विक दृष्टिकोण की पुष्टि करता है, जो हमेशा से भारत के विचार के केंद्र में रहा है.’
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय उन तीन केंद्रीय एजेंसियों में से एक है जिस पर सत्तारूढ़ मोदी सरकार के इशारे पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगता रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले प्रमुख विपक्षी दल के नेताओं को गिरफ्तार करने, पूछताछ करने और हिरासत में लेने का आरोप भी बार-बार ईडी पर लगाया गया है.
ईडी ने इस साल दो मौजूदा मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया था. इसमें दिल्ली के अरविंद केजरीवाल भी हैं, जो अभी भी जेल में हैं. वहीं, झारखंड के हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने के बाद ही पद छोड़ दिया था, वो फिलहाल जमानत मिलने के बाद फिर से अपने पद पर लौट आए हैं.