नई दिल्ली: ईरान में हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्या के कुछ दिनों बाद इजरायल में भारतीय दूतावास ने शुक्रवार (2 अगस्त) को देश के नागरिकों को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें उनसे ‘सावधानी बरतने और देश के भीतर अनावश्यक यात्रा से बचने’ के लिए कहा गया.
रिपोर्ट के अनुसार, दूतावास ने अंग्रेजी के साथ-साथ छह भारतीय भाषाओं में जारी की गई इस एडवाइजरी में कहा कि यह क्षेत्र में मौजूदा स्थिति को देखते हुए है. साथ ही क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय दूतावास ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षित आश्रयों के पास रहने का आग्रह किया है.
हमास फिलिस्तीनी राजनीतिक और सैन्य संगठन है जो गाजा पट्टी पर शासन करता है. पिछले साल अक्टूबर में इजरायल में आतंकी हमला करने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को ‘कुचलने और नष्ट करने’ की कसम खाई थी.
ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान में मौजूद हनिया की हत्या की जिम्मेदारी इजरायल ने नहीं ली है, लेकिन हमास और ईरान ने इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. हनिया की हत्या से एक दिन पहले इजरायल ने कहा था कि उसने लेबनानी सशस्त्र समूह हिज़्बुल्लाह के कमांडर फुआद शुकर को मार दिया है, क्योंकि उसने उसे इजरायली-नियंत्रित गोलान हाइट्स में हमले, जिसमें 12 बच्चे मारे गए थे, की साजिश रचने का दोषी ठहराया था.
शुकर की हत्या के बाद लेबनान में भारतीय दूतावास ने एक एजवाइजरी जारी की, जिसमें भारतीय नागरिकों को देश छोड़ने की सख्त सलाह दी गई.
गुरुवार को जारी की गई सलाह में कहा गया, ‘जो लोग किसी भी कारण से देश में रह रहे हैं, उन्हें अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित करने और अपने ईमेल आईडी के माध्यम से बेरूत में भारत के दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है.’
हनिया और शुकर की हत्याओं ने इस बात की चिंता पैदा कर दी है कि हमास, हिज़्बुल्लाह, ईरान और सहयोगी समूह इजरायल के खिलाफ़ जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश करेंगे.
इजरायल में लगभग 18,000 भारतीय काम कर रहे हैं और रह रहे हैं. उनमें से ज़्यादातर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करते हैं.
इस साल की शुरुआत में भारत और इजरायल के बीच हुए एक समझौते के तहत 1,500 भारतीय मजदूरों को इजरायल भेजा गया था, जो ज्यादातर निर्माण क्षेत्र में काम करेंगे.
अक्टूबर में हमास के हमले के बाद इजरायल की सेना ने गाजा में एक आक्रामक अभियान शुरू किया है, जिसमें अनुमानतः 39,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.