दिल्ली की विशेष अदालत ने कोड़ा के साथ पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बासु, दो सरकारी कर्मचारी और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को धारा 120बी के तहत दोषी क़रार दिया.
नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को दिल्ली की एक विशेष अदालत ने झारखंड कोयला घोटाले मामले में बुधवार को दोषी क़रार दिया है. 46 वर्षीय कोड़ा के अलावा पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को भी दोषी क़रार किया गया है.
एएनआई के मुताबिक झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बासु और अन्य को भी विशेष अदालत ने दोषी क़रार दिया है. अदालत ने सभी दोषियों को धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी माना है और गुरुवार को सजा का एलान किया जाएगा.
Coal scam: Delhi's Special CBI court holds former Jharkhand CM Madhu Koda, former Coal Secy HC Gupta, former Jharkhand Chief Secy Ashok Kumar Basu & one other as guilty of criminal conspiracy & section 120 B. Sentencing to take place tomorrow.
— ANI (@ANI) December 13, 2017
एनडीटीवी के मुताबिक झारखंड में राजहारा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितता का आरोप था. कोलकाता की विनी आयरन और स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को गलत तरीके से कोयला ब्लॉक आवंटन किया गया था.
कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव, पूर्व झारखंड मुख्य सचिव के अलावा 2 सरकारी कर्मचारी, वीआईएसयूएल के निदेशक, कोड़ा के नजदीकी विजय जोशी और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को भी दोषी क़रार दिया है.
हालांकि, अदालत ने वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलसीन और सरकारी कर्मचारी बसंत कुमार भट्टाचार्य और बिपीन बिहारी सिंह और चार्टर्ड एकाउंटेंट नवीन कुमार तुलसीन को सभी आरोपों से बरी कर दिया.
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वीआईएसयूएल ने 8 जनवरी, 2007 को राजहारा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया था. हालांकि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए वीआईएसयूएल के मामले की सिफारिश नहीं की थी लेकिन 36 वें स्क्रीनिंग कमेटी ने बाद में सिफारिश कर दी थी.
पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता 36वें स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष थे.
सीबीआई ने बताया कि गुप्ता ने तत्कालीन कोयला मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गलत जानकारी दी थी कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल के नाम की सिफारिश की है, दरअसल झारखंड सरकार ने सिफारिश नहीं की थी.