नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार (1 अगस्त) को संसद में कहा कि अब तक रूसी सेना में सेवा दे रहे आठ भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है. इससे पहले सरकार ने केवल चार मौतों की पुष्टि की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती पर राज्यसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.
सिंह ने जवाब में कहा कि आठ भारतीय नागरिकों की मौत की सूचना मिली है.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने रूसी सरकार से उसके सशस्त्र बलों में कथित तौर पर भर्ती किए गए भारतीय नागरिकों को शीघ्र रिहा करने पर जोर दिया है, लेकिन ऐसे व्यक्तियों की सटीक संख्या ज्ञात नहीं है.
हालांकि, सिंह ने जोड़ा कि उपलब्ध जानकारी से संकेत मिलता है कि 12 भारतीय नागरिक पहले ही रूसी सशस्त्र बल छोड़ चुके हैं और अन्य 63 भी जल्द रिहाई की मांग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और केरल के कई युवा ट्रैवल एजेंटों की सहायता से रोजगार के अवसरों की तलाश में रूस जाते हैं. उनमें से कई को वहां जाने के बाद रूसी सेना में शामिल होने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जाता है.
संसद में सिंह के जवाब से पहले विदेश मंत्रालय ने रूस की सेना में सेवारत चार भारतीयों की मौत की पुष्टि की थी.
द वायर ने हरियाणा के एक 22 वर्षीय युवक की मौत की सूचना दी थी, हालांकि सरकार ने उसकी मौत की पुष्टि नहीं की.
राज्यसभा में सिंह ने कहा कि चार भारतीय नागरिकों के शवों के परिवहन के लिए वित्तीय सहायता दी गई है और आश्वासन दिया कि आवश्यकता पड़ने पर अन्य मामलों में भी वित्तीय सहायता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रूस ने भारत को सूचित किया है कि मृत व्यक्तियों के परिवारों को उनके द्वारा हस्ताक्षरित क़रार के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा.
सिंह ने आगे कहा कि भारत, रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों के मामले को रूसी सरकार में उच्चतम स्तर के अधिकारियों के साथ मजबूती से उठा रहा है.
उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने अपनी मास्को यात्रा के दौरान रूसी सशस्त्र बलों से सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई की तत्काल आवश्यकता को दृढ़ता से दोहराया था.
सिंह ने यह भी जोड़ा कि विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों से रूस में रोजगार के अवसर तलाशते समय उचित सावधानी बरतने और इस संघर्ष से दूर रहने का आग्रह किया है.
तत्कालीन विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पीएम मोदी की यात्रा के दौरान मॉस्को में संवाददाताओं से कहा था कि रूस ने अपनी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई का वादा किया था.
हालांकि, विदेश मंत्रालय के लिखित उत्तर में इसका उल्लेख नहीं है.