नई दिल्ली: बीते दिनों गुजरात में दलित कांग्रेस नेता राजेश उर्फ राजू सोलंकी ने अपने बेटे पर कथित हमले के सिलसिले में गोंडल की भाजपा विधायक गीताबा जडेजा और उनके पति के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर इस्लाम धर्म अपनाने की धमकी दी थी, जिसके तीन सप्ताह बाद उनके और उनके परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ गुजरात आतंकवाद एवं संगठित अपराध नियंत्रण (जीयूजेसीटीओसी) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस का दावा है कि ये सभी 2014 से एक अपराधिक गिरोह चला रहे हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे पर गोंडल की भाजपा विधायक गीताबा जडेजा और उनके पति ने हमला करवाया था. राजेश ने धमकी दी थी कि अगर सत्तारूढ़ नेता पर हमले के सिलसिले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह इस्लाम धर्म अपना लेंगे.
पुलिस ने दलित नेता को बताया ‘गिरोह का सरगना’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जूनागढ़ जिले में स्थानीय अपराध शाखा के प्रभारी निरीक्षक जेजे पटेल द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर शनिवार सुबह जूनागढ़ के ए डिवीजन पुलिस थाने में जीयूजेसीटीओसी अधिनियम की धारा 3 (1) (2), 3 (4) और शस्त्र अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. पटेल ने अपनी शिकायत में राजू, उनके भाई जयेश उर्फ जावो उर्फ सावन सोलंकी, उनके बेटे संजय और देव तथा भतीजे योगेश बागड़ा को आरोपी बनाया है.
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने राजू और उनके दो बेटों और भतीजे को गिरफ्तार कर लिया. जयेश एक डॉक्टर से जुड़े हत्या के प्रयास के मामले में न्यायिक हिरासत में है. शिकायत के अनुसार, पांचों पिछले 10 वर्षों से हत्या का प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमला, चोरी, डकैती, दंगा, जबरन वसूली, अपहरण, आपराधिक धमकी आदि जैसे अपराधों में कथित रूप से शामिल थे.
જૂનાગઢ જિલ્લાના પ્રદિપના ખાડીયા વિસ્તારની ગુન્હાહિત ગેંગ વિરૂધ્ધ ગુજસીટોક ( GCTOC ) કાયદા હેઠળ પગલા લેતી જૂનાગઢ ક્રાઇમ બાન્ચ.@sanghaviharsh @dgpgujarat @GujaratPolice @IGP_JND_Range #gujaratpolice #junagadhpolice #Police #crimecontrol pic.twitter.com/UuRhF9v4nc
— SP Junagadh (@SP_Junagadh) August 3, 2024
एफआईआर में कांग्रेस की जूनागढ़ इकाई के एससी/एसटी सेल के अध्यक्ष राजू के खिलाफ पहले से दर्ज 10 आपराधिक मामलों को सूचीबद्ध करते हुए उन्हें ‘गिरोह का सरगना’ बताया गया है. एफआईआर के अनुसार, जयेश, संजय, योगेश और देव के खिलाफ क्रमशः नौ, छह, तीन और दो मामले दर्ज हैं.
जीयूजेसीटीओसी अधिनियम के तहत दर्ज अपराध गैर-जमानती होते हैं और पुलिस लगातार 30 दिनों तक आरोपी की रिमांड हासिल कर सकती है. इस कानून के तहत पुलिस को आरोपपत्र दायर करने के लिए छह महीने का समय मिलता है, दंडात्मक प्रावधानों में आजीवन कारावास और संपत्ति की कुर्की शामिल है. इस मामले में पुलिस अधिकारियों के समक्ष दिए गए इकबालिया बयान सबूत के तौर पर स्वीकार्य हैं.
धर्म बदलने की थी तैयारी
राजू के खिलाफ मामला ऐसे समय में दर्ज हुआ है जब वह धर्म परिवर्तन की तैयारी कर रहे थे. तीन सप्ताह पहले 11 जुलाई को उन्होंने और अन्य ने इस्लाम धर्म अपनाने के लिए जूनागढ़ कलेक्टर कार्यालय से आवेदन पत्र लिया था. राजू ने मांग की थी कि सत्तारूढ़ भाजपा अपनी विधायक गीताबा का इस्तीफा मांगे और उनके पति जयराज सिंह को हत्या के प्रयास और अपहरण के मामले में गिरफ्तार करे, क्योंकि उनके बेटे संजय पर इस साल 30 और 31 मई की दरम्यानी रात 11 लोगों ने कथित रूप से हमला किया, अपहरण किया और धमकी दी.
बाद में इस मामले में गीताबा के बेटे ज्योतिरादित्य सिंह उर्फ गणेश और 10 अन्य को गिरफ्तार किया गया था. राजू ने धमकी दी थी कि अगर राज्य सरकार ने इस साल 15 अगस्त तक उनकी मांग नहीं मानी तो वह और उनके परिवार के सदस्य इस्लाम धर्म अपना लेंगे.
पुलिस अधीक्षक हर्षद मेहता इस आरोप को खारिज करते हैं कि राजू के खिलाफ बदले की कार्रवाई की गई है. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘विधायक के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद इन पांच आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज नहीं किए गए. इन आरोपियों ने मिलकर एक गिरोह बनाया था. राजू की आपराधिक गतिविधियों के कारण, अतीत में भी उन्हें जूनागढ़ से बाहर निकालने के प्रस्ताव तैयार किए गए थे, लेकिन वे नहीं गए. मामलों का बारीकी से विश्लेषण करने पर हमने पाया कि सभी आरोपी एक गिरोह के रूप में काम कर रहे थे और राजू उनका मुखिया था. इसलिए यह कहना कि उनके खिलाफ जीयूजेसीटीओसी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करना बदले की कार्रवाई है, सच नहीं है.’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जयेश और तीन अन्य लोगों ने एक पुराने विवाद को लेकर 11 जून को एक डॉक्टर पर हमला किया और उसकी हत्या का प्रयास किया. डॉक्टर को गंभीर चोटें आईं और वह अभी भी अस्पताल में हैं. उसके बाद जयेश एक महीने से अधिक समय तक फरार रहा. आखिरकार उसे तीन दिन पहले स्थानीय अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया.’
इससे पहले, जूनागढ़ पुलिस ने संजय पर हमले के 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. संजय कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की जूनागढ़ शहर इकाई के अध्यक्ष भी हैं. मेहता ने कहा, ‘हमने अपहरण और हत्या के प्रयास के मामले की निष्पक्ष जांच की है. हमें इस बात के पर्याप्त सबूत मिले हैं कि पीड़ित का जूनागढ़ से अपहरण किया गया था और कुछ घंटों के बाद उसे वापस छोड़ दिया गया था और इसलिए आरोपपत्र दाखिल किया गया है.’