जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव अगले सितंबर माह में होंगे- केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी

बीते साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में निर्देश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए और निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक वहां विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए.

जी. किशन रेड्डी. (फोटो साभार: एक्स/@kishanreddybjp)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार (5 अगस्त) को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सितंबर यानी अगले महीने विधानसभा चुनाव होंगे. उन्होंने लोगों से केंद्र शासित प्रदेश में विकास कार्यों की गति को बनाए रखने और आतंकवाद के खात्मे के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट देने की अपील की.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जी किशन रेड्डी जम्मू के बाहरी इलाके के बाना सिंह स्टेडियम में अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने की पांचवीं वर्षगांठ पर भाजपा द्वारा आयोजित ‘एकात्म महोत्सव’ रैली को संबोधित कर रहे थे. वह जम्मू कश्मीर में भाजपा के चुनाव प्रभारी भी हैं.

अपने भाषण के दौरान उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि पांच साल पहले आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुच्छेद 370 को रद्द किया था. इससे जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लगी है. उन्होंने पड़ोसी देश को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने के खिलाफ चेतावनी भी दी.

इस कार्यक्रम में जी. किशन रेड्डी के अलावा अन्य प्रमुख वक्ताओं में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी तरुण चुघ तथा भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना शामिल थे.

रेड्डी ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव सितंबर में होंगे और हमें यकीन है कि लोग भाजपा को पूर्ण बहुमत से सत्ता में लाएंगे, क्योंकि पार्टी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर भीमराव आंबेडकर के संविधान को जम्मू-कश्मीर तक पहुंचाया है. इससे यहां बदलाव आए हैं.’

विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की बात कर रहे हैं, जिसके चलते पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के जरिए जम्मू-कश्मीर में केवल मौत और विनाश ही देखने को मिला है.

उन्होंने आगे कहा, ‘लोगों को यह तय करना होगा कि वे जम्मू-कश्मीर में कौन सी सरकार चाहते हैं, वह जो अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात कर रही है या भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार, जो जम्मू-कश्मीर को विकास, शांति और समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती है.’

रेड्डी ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को देश और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ‘गर्व का क्षण’ बताया. उन्होंने कहा कि किसी ने भी इस तरह के घटनाक्रम के बारे में कभी नहीं सोचा था, जबकि इसकी नींव भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने रखी थी. उन्होंने इस विवादास्पद संवैधानिक प्रावधान का विरोध करते हुए अपनी जान दे दी.

रेड्डी के अनुसार, ‘लंबे संघर्ष के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को आखिरकार अनुच्छेद 370 से आजादी मिल गई है. इससे महिलाओं और समाज के अन्य वंचित वर्गों को अधिकार मिले, एक नया जम्मू-कश्मीर अस्तित्व में आया, जहां आतंकवाद, पथराव, पाकिस्तानी झंडे फहराना और तिरंगे का अपमान इतिहास बन गया है.’

लोगों से कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट नहीं देने की अपील करते हुए रेड्डी ने कहा कि अगर वे सत्ता में लौटते हैं तो आतंकवाद और अलगाववाद फिर से शुरू होने की संभावना है.

रेड्डी के मुताबिक, भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो पाकिस्तान और उसके प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित कर सकती है.

जम्मू क्षेत्र में हाल में हुईं आतंकी घटनाओं के संदर्भ में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा, ‘हम पाकिस्तान को चेतावनी देना चाहते हैं कि हम उसके लगातर प्रयासों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ने नहीं देंगे. हम आतंकवाद के खतरे को पूरी तरह से मिटा देंगे और अपनी रक्षा करेंगे… हम लोग देश के लिए मरने को भी तैयार हैं.’

मालूम हो कि साल 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार विधानसभा चुनाव वर्ष 2014 में हुए थे और उसके बाद यहां सत्ता संभालने वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार जून 2018 में गिर गई थी. उसके बाद से जम्मू-कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है और उपराज्यपाल के हाथ में शासन-प्रशासन की डोर है.

विभिन्न राजनीतिक दल प्रदेश में जल्द विधानसभा चुनाव कराने और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

इस संबंध में बीते साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में निर्देश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए और निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए.