सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए सशस्त्र बलों में रिक्तियों की जानकारी देने से इनकार किया

राज्यसभा में सशस्त्र बलों में रिक्तियों को लेकर पूछे गए सवाल पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि यह जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील मामला है, जिसका विवरण देना राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में नहीं होगा. हालांकि, पिछले साल तक सरकार ऐसी रिक्तियों का पूरा ब्योरा दे रही थी.

अग्निवारों के प्रशिक्षण के दौरान की एक तस्वीर. (फोटो साभार: indianarmy.nic.in)

नई दिल्ली: केंद्र की एनडीए सरकार ने सशस्त्र बलों में रिक्तियों की संख्या को संसद में घोषित न करते हुए ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला दिया है.

रिपोर्ट के अनुसार, सशस्त्र बलों में रिक्तियों पर एक संसदीय प्रश्न के उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने सशस्त्र बलों में खाली पदों की जानकारी देने से इनकार कर दिया. राज्यसभा में 5 अगस्त (सोमवार) को एक लिखित उत्तर में राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा, ‘मांगी गई जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एक संवेदनशील मामला है और सार्वजनिक रूप से विवरण प्रकट करना राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में नहीं होगा.’

यह प्रश्न सांसद अनिल कुमार यादव मंडाडी की ओर से आया था, जिन्होंने पूछा था कि क्या सरकार ने इस तथ्य पर ध्यान दिया है कि ‘सशस्त्र बलों में अधिकारियों, सैनिकों, चिकित्सा अधिकारियों आदि सहित कर्मचारियों की कमी है,’ यदि हां, तो इसका विवरण और क्या सरकार ने रिक्तियों को भरने के लिए कोई व्यापक उपाय/कदम उठाए हैं.

गौरतलब है कि इस बार यह जानकारी न साझा करने वाली मोदी सरकार पिछले साल तक सशस्त्र बलों में रिक्तियों का पूरा ब्योरा दे रही थी. मई 2023 में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया था कि तीनों सशस्त्र बलों में करीब 1.55 लाख कर्मियों की कमी है, जिसमें सबसे ज्यादा 1.36 लाख रिक्तियां सेना में हैं.

मंत्री ने कहा था कि स्थिति की नियमित समीक्षा की जा रही है और रिक्तियों को भरने तथा युवाओं को सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय शुरू किए गए हैं.

सरकार ने संसद को बताया था कि भारतीय सेना में 8,129 अधिकारियों की कमी है, जिसमें आर्मी मेडिकल कोर और आर्मी डेंटल कोर शामिल हैं. नौसेना में 12,428 कर्मियों की कमी है. भारतीय वायु सेना में 7,031 कर्मियों की कमी है.

राज्य मंत्री भट्ट ने कहा था, ‘सशस्त्र बलों द्वारा नियमित रूप से और विस्तृत विश्लेषण के आधार पर सशस्त्र बलों द्वारा कर्मियों की कमी और उसे कम करने के उपायों की समीक्षा की जाती है. रिक्तियों को भरने और युवाओं को सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय शुरू किए गए हैं.’

इससे पूर्व, दिसंबर 2022 में सरकार ने बताया था कि तीनों सशस्त्र बलों में कुल 1,35, 891 रिक्तियां हैं. तब के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा लोकसभा में दिए गए लिखित उत्तर के अनुसार, 1 जुलाई 2022 तक एक लाख से अधिक रिक्तियों की कुल संख्या में सबसे अधिक 1,18,485 भारतीय सेना में थी, जबकि 30 सितंबर 2022 तक भारतीय नौसेना (नाविक) में कुल 11,587 रिक्तियां और भारतीय सेना में 5,819 रिक्तियां थीं.

तत्कालीन मंत्री के अनुसार, भारतीय सेना में जेसीओ/ओआर के लिए 40,000 रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया था, भारतीय नौसेना में 2022 में अग्निवीर के लिए 3,000 रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया था और वर्ष 2022 में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरवायु के रूप में भारतीय वायुसेना में 3,000 रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया था.

अगस्त 2021 में राज्यसभा को बताया गया कि तीनों सेनाओं में 1,09,671 पद खाली हैं. उस समय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सेना में 90,640 पद खाली थे. वायुसेना और नौसेना में क्रमशः 7,104 और 11,927 पद खाली थे. अधिकारी संवर्ग में 9,712 पद खाली थे, जबकि अकेले सेना में 7,912 पद खाली थे.

दिसंबर, 2021 में जब उस वर्ष फिर से एक प्रश्न पूछा गया तो संसद में यह बात सामने आई कि सेना में 7476, वायु सेना में 621 और नौसेना में 1265 अधिकारी पद रिक्त थे.

उल्लेखनीय है कि साल 2022 में सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए शुरू हुई अग्निवीर योजना विवादों के घेरे में रही है, जिसमें पेंशन और लाभ से लेकर संविदा सैनिक की उपयुक्तता और सशस्त्र बलों के कर्मियों के मनोबल पर इसके प्रभाव तक कई मुद्दों पर बहस हो रही है.

इसी बीच, सोमवार को जानकारी को लेकर मिले सरकारी इनकार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कम से कम सात ऐसे उदाहरण बताए, जब सेना में रिक्तियों पर जवाब दिए गए थे.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पिछले कुछ सालों से समय-समय पर अधिकारियों, सैनिकों, जेसीओ और चिकित्सा अधिकारियों की रिक्तियों की संख्या पर यह महत्वपूर्ण जानकारी प्रकाशित करती रही है. हम समझ नहीं पा रहे हैं कि आपने अचानक इसे अब देने से क्यों मना कर दिया है. क्या आपको डर है कि रिक्तियों की संख्या पर यह जानकारी आपके द्वारा सशस्त्र बलों पर एकतरफा थोपे गए अग्निवीर योजना पर और अधिक प्रश्नचिह्न लगाएगी?’

उन्होंने कहा, ‘आपकी अयोग्य सरकार ने अब सशस्त्र बलों में रिक्तियों पर महत्वपूर्ण डेटा छिपाकर राष्ट्र को गुमराह करना और संस्थानों को कमजोर करना शुरू कर दिया है. भाजपा के नकली राष्ट्रवादियों ने हमारे देशभक्त युवाओं पर अग्निपथ योजना थोपी और उनका भविष्य बर्बाद कर दिया, अब उन्होंने इस महत्वपूर्ण जानकारी को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है.’

उन्होंने कहा कि मार्च 2023 में आपकी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, सशस्त्र बलों में 1.55 लाख से अधिक पद रिक्त हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है, और वास्तविक राष्ट्रीय हित की मांग है कि सशस्त्र बलों में रिक्तियों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक की जाए, ताकि राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उन रिक्तियों को भरने के लिए व्यापक उपाय किए जा सकें.