नई दिल्ली: एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के लिए 2024 पेरिस ओलंपिक का सफर अकस्मात की ख़त्म हो गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मंगलवार को सेमीफइनल का मैच जीतकर फाइनल में पहुंचीं विनेश को इसलिए अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि वे 50 किलोग्राम वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले की सुबह वजन वर्ग के तयशुदा मानकों पर खरी नहीं उतर सकीं.
भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘भारतीय प्रतिनिधिमंडल खेद के साथ बताना चाहता है कि महिला कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. टीम द्वारा रात भर किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद आज सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम ज़्यादा था. इस समय दल और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता है और सभी से विनेश की निजता का सम्मान करने का आग्रह करता है.’
इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि विनेश का वजन तय सीमा से करीब 100 ग्राम ज्यादा था. प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार, फोगाट रजत पदक के लिए भी पात्र नहीं होंगी और 50 किलोग्राम में सिर्फ स्वर्ण और कांस्य पदक विजेता ही हिस्सा लेंगे.
बताया गया है कि फोगाट का वजन मंगलवार के मुकाबलों के लिए वजन तय पैमाने के हिसाब से था, लेकिन नियम के अनुसार, पहलवानों को प्रतियोगिता के दोनों दिन अपने वजन वर्ग में ही रहना होता है.
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार, विनेश का वजन मंगलवार रात करीब 2 किलो ज्यादा था, जिसके बाद वे पूरी रात सोई नहीं और तयशुदा मापदंड को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर तरह का व्यायाम किया. हालांकि, यह पर्याप्त नहीं था.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें आखिरी 100 ग्राम वजन कम करने का मौका देने के लिए कुछ और समय देने का निवेदन भी किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
यह पहली बार नहीं है जब फोगाट को 50 किलोग्राम वर्ग में जगह बनाने में मुश्किल हुई है. वे अमूमन 53 किलोग्राम वर्ग में खेला करती हैं. ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान भी उन्हें इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा था, जहां वह बहुत कम अंतर से मुकाबले की दौड़ में जगह बना सकी थीं.
मंगलवार को फोगाट ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं. स्वर्ण पदक के लिए मुकाबले में उन्होंने दुनिया की नंबर 1 जापान की खिलाड़ी युई सुसाकी को हराया और इसके बाद यूक्रेन और क्यूबा के पहलवानों पर दो और शानदार जीत दर्ज कीं.
फाइनल में उनका सामना अमेरिकी पहलवान सारा हिल्डेब्रांट से होना था. हालांकि, बदली परिस्थितियों के बाद अब सारा को स्वर्ण पदक मिलेगा.
इससे पहले, डेढ़ साल तक कुश्ती से दूर रहने के बाद फोगाट ने फरवरी माह में राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में 55 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर शानदार वापसी की थी.
उल्लेखनीय है कि साल 2023 में विनेश भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन का प्रमुख चेहरा रही हैं. 21 अप्रैल 2023 को छह महिला पहलवानों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी. विनेश ने इस लड़ाई का महीनों तक नेतृत्व किया था और वह इस दौरान कुश्ती से भी दूर रही थीं.
इससे पहले विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक का सपना तब और भी दूर होता दिखने लगा था, जब एक अन्य महिला पहलवान अंतिम पंघाल ने 53 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया था. ये विनेश फोगाट का पसंदीदा भार वर्ग था.
गौरतलब है कि उस दौरान सिर्फ ओलंपिक ही नहीं, फोगाट का कुश्ती में भी भविष्य अंधकार में दिख रहा था, क्योंकि अगस्त 2023 में ही उन्हें घुटने की चोट के चलते सर्जरी भी करवानी पड़ी थी.
विनेश 50 किलोग्राम वर्ग में 2018 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीती थीं और 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में 53 किलोग्राम भार वर्ग में खेली थीं.