एशियाई विकास बैंक ने जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.7 प्रतिशत किया

बैंक ने सुस्त वृद्धि दर, नोटबंदी व जीएसटी से उत्पन्न चुनौतियों को ज़िम्मेदार ठहराया. पूर्वानुमान से सेंसेक्स टूटा.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

बैंक ने सुस्त वृद्धि दर, नोटबंदी व जीएसटी से उत्पन्न चुनौतियों को ज़िम्मेदार ठहराया. पूर्वानुमान से सेंसेक्स टूटा.

Workers stand as a crane loads wheat onto a ship at Mundra Port in the western Indian state of Gujarat April 1, 2014. REUTERS/Amit Dave/File Photo
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत घटा दिया है. बैंक ने इस वर्ष जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

एडीबी ने इसके लिए पहली छमाही में सुस्त वृद्धि दर, नोटबंदी और कर क्षेत्र में सुधारों के कारण उत्पन्न चुनौतियों को ज़िम्मेदार ठहराया है.

बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान में भी बदलाव किया है. मार्च 2018 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. पहले इसके 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.

एडीबी ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और निजी क्षेत्र में सुस्त निवेश को इसके लिए ज़िम्मेदार बताया है.

एडीबी ने अपनी रपट एशियाई विकास परिदृश्य में कहा, ‘2017-18 की पहली छमाही में वृद्धि दर सुस्त रहने, नोटबंदी का प्रभाव, जीएसटी लागू किए जाने से उत्पन्न चुनौतियों और 2017 में असमान मानसून की वजह से कुछ कृषि जोखिमों के कारण अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने का अनुमान है. इससे पहले वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.’

उल्लेखनीय है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर सितंबर में समाप्त हुई दूसरी तिमाही में सुधरकर 6.3 प्रतिशत हो गई थी. पहली तिमाही में वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी.

एडीबी ने वित्त वर्ष 2017-18 की शेष बची दो तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार होने का अनुमान जताया है.

बैंक ने कहा कि सरकार की ओर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर आने वाली दिक्कतों को कम करने के उठाए गए कदमों के साथ-साथ बैंक पुनर्पूंजीकरण के कारण जीडीपी में सुधार देखने को मिल सकता है.

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मुंबई: औद्योगिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के ताज़ा आंकड़ों के अच्छा न होने और एक वैश्विक वित्तीय संगठन के भारत की वृद्धि दर के अनुमान घटाए जाने की रपटों के बीच बुधवार को स्थानीय शेयर बाज़ारों में निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी और बिकवाली के दबाव में प्रमुख सूचकांक गिर कर बंद हुए.

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने नोटबंदी के प्रतिकूल प्रभावों, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चुनौतियों तथा कृषि को मौसम संबंधी जोख़िमों का हवाला देकर चालू वित्त वर्ष के लिए देश का आर्थिक विकास पूर्वानुमान सात प्रतिशत से कम कर 6.7 प्रतिशत कर दिया है. इसके कारण निवेशकों का उत्साह ठंडा पड़ा.

सरकार की ओर से जारी ताज़ा वृहद आर्थिक आंकड़े भी अनुकूल नहीं हैं. मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन वृद्धि अक्टूबर में तीन महीनों के निचले स्तर 2.2 प्रतिशत पर आ गई.

नवंबर में खुदरा महंगाई भी 15 महीने के उच्चतम स्तर 4.88 प्रतिशत पर पहुंच गई. मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ने से निकट भविष्य में नीतिगत ब्याज दर घटाए जाने की संभावना और क्षीण हो गई है.

निवेशकों ने अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की दो दिवसीय नीतिगत बैठक के परिणामों की प्रतीक्षा के कारण भी सावधानी बरती है. इस बैठक के परिणाम बुधवार रात आने वाले हैं.

बाजार में बुधवार को उतार चढ़ाव भरा दिन रहा. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स अंतत: 174.95 अंक यानी 0.53 प्रतिशत गिरकर 33,053.04 अंक पर आ गया. यह सात दिसंबर के बाद का निचला स्तर है. सेंसेक्स मंगलवार को 227.80 अंक गिरा था.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी 47.20 अंक यानी 0.46 प्रतिशत लुढ़ककर 10,200 अंक से नीचे 10,192.95 अंक पर बंद हुआ.

बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड के वरिष्ठ कोष प्रबंधक इक्विटी कार्तिकराज लक्ष्मणन ने कहा, ‘यह शेयर बाज़ारों में गिरावट का एक और दिन रहा. मुख्य शेयर बाज़ारों ने कारोबार की सुस्त शुरुआत की. मिश्रित एशियाई रुख़, उपभोक्ता मूल्य आधारित महंगाई बढ़ने तथा औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि कम होने के कारण कारोबार के दौरान शेयर बाजार नकारात्मक रहे.’

प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 853.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 843.20 करोड़ रुपये के शेयर ख़रीदे थे.

सेंसेक्स की कंपनियों में सिप्ला का शेयर सर्वाधिक 2.13 प्रतिशत की गिरावट में रहा. इसके अलावा अदानी पोर्ट्स, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, एलएंडटी, टाटा स्टील और पावरग्रिड के शेयर भी नुकसान में रहे. कोटक बैंक, टीसीएस, ओएनजीसी, डॉ. रेड्डीज़ और हिंदुस्तान यूनिलिवर बढ़त में बंद हुए.

बीएसई के विभिन्न खंडों में रियल्टी वर्ग के शेयरों में सर्वाधिक 2.27 प्रतिशत की गिरावट रही. धातु, पूंजीगत वस्तुएं और हेल्थकेयर समूह की कंपनियां के शेयर भी नुकसान में रहे.

मिडकैप इंडेक्स 0.84 प्रतिशत और स्मॉलकैप 0.81 प्रतिशत गिरा. अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में मिश्रित रुख रहा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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