दलित आरक्षण: वर्गीकरण का विरोध जातिगत हित साधने की कवायद है

कुछ मेहरबान तर्क दे रहे हैं कि वर्गीकरण से दलित एकता कमज़ोर होगी. दलितों में फूट पड़ जाएगी. इसका मतलब यह हुआ कि महादलित वाल्मीकि/मज़हबी, मुसहर, मादिगा जैसे दलित समुदाय एकता के नाम पर कभी यह सवाल न करें कि वे आगे की पंक्ति में क्यों नहीं हैं.

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(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रबर्ती/द वायर)