बिहार: जहानाबाद ज़िले के बाबा सिद्धनाथ मंदिर में भगदड़ में सात लोगों की मौत, कई घायल

घटना रविवार रात करीब 12.30 बजे हुई जब कांवड़िए जहानाबाद के मखदुमपुर इलाके में मंदिर में पूजा करने के लिए बराबर पहाड़ियों पर चढ़ रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर कांवड़िए थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: अतुल अशोक हावले)

नई दिल्ली: रविवार देर रात बिहार के जहानाबाद में बराबर पहाड़ियों पर स्थित बाबा सिद्धेश्वरनाथ मंदिर के रास्ते में मची भगदड़ में कम से कम सात कांवड़ियों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना रात करीब 12.30 बजे हुई जब कांवड़िए जहानाबाद के मखदुमपुर इलाके में मंदिर में पूजा करने के लिए बराबर पहाड़ियों पर चढ़ रहे थे.

कुछ स्थानीय निवासियों ने इस घटना के लिए भीड़ प्रबंधन में कमी और पुलिस लाठीचार्ज को जिम्मेदार ठहराया है.

घायल कांवड़िए के रिश्तेदार सुमन कुमार ने कहा, ‘मंदिर आने-जाने वाले लोगों के लिए यह आम रास्ता था. सावन के चौथे सोमवार से पहले जब श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी तो पुलिस भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई और इसके बजाय लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई.’

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डीएम अलंकृता पांडे ने मौतों की पुष्टि करते हुए बताया, ‘जहानाबाद के बराबर पहाड़ी इलाके में बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर कांवड़िए थे और 16 अन्य घायल हो गए.’

डीएम ने कहा, ‘मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लाया. सभी घायलों को मुकुंदपुर और आसपास के इलाकों में निकटतम चिकित्सा सुविधाओं में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद दस को छुट्टी दे दी गई, जबकि सात अभी भी भर्ती हैं. तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण जिला प्रशासन और पुलिस दोनों के वरिष्ठ अधिकारी मंदिर में तैनात हैं.’

पांडे ने कहा कि वे घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि किसी मुद्दे पर कांवड़ियों के बीच विवाद के कारण भगदड़ मची. कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि कांवड़ियों के एक समूह और मंदिर के बाहर फूल विक्रेताओं के बीच तीखी बहस के कारण यह घटना हुई होगी. सटीक कारण अभी भी जांच के अधीन है. कारण का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं.’

डीएम ने कहा, ‘हम घटना में मारे गए श्रद्धालुओं की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को उनके अंतिम संस्कार के लिए 20,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है. मौजूदा मानदंडों के अनुसार अतिरिक्त मुआवजा प्रदान किया जाएगा.’