नई दिल्ली: सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को फिर से कुछ दिनों के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति मिल गई है. इस बार उन्हें 21 दिन की फरलो मिली है. इस साल यह दूसरी बार होगा जब उन्हें जेल की सजा से राहत मिली है. जेल से बाहर रहने के दौरान बलात्कार के दोषी बाबा राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा स्थित अपने डेरा आश्रम में रहेंगे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राम रहीम को अस्थायी तौर पर ऐसे समय में रिहा किया गया है जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी अस्थायी रिहाई के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की याचिका का निपटारा कर दिया है.
बीते 9 अगस्त को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा था कि अस्थायी रिहाई के लिए उनकी याचिका पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बिना किसी ‘मनमानेपन या पक्षपात’ के निर्णय लिया जाना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह को मंगलवार सुबह 6.30 बजे रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा कर दिया गया. उनकी रिहाई हरियाणा में इस अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ ही समय पहले हुई है.
गुरमीत राम रहीम ने जून में 21 दिनों की रिहाई के लिए अदालत का रुख किया था.
इस साल फरवरी में उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार से कहा था कि बिना उसकी अनुमति के राम रहीम को आगे पैरोल न दी जाए. यह 19 जनवरी को राम रहीम को दी गई 50 दिन की पैरोल के बाद कहा था.
गुरमीत राम रहीम को अपना दो शिष्याओं से बलात्कार के लिए 20 साल की सजा सुनाई गई थी. वह 2017 से हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं.
डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से अधिक पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए 2019 में भी दोषी ठहराया गया था. मई में उच्च न्यायालय ने सिंह और चार अन्य को 2002 में संप्रदाय के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में ‘दागी और संदिग्ध’ जांच का हवाला देते हुए बरी कर दिया था.
मालूम हो कि साल 2021 में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने गुरमीत राम रहीम सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह, इंदर सेन और सबदिल सिंह को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया था. इन सभी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी.
जनवरी 2019 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. हालांकि, इसके बाद भी वो कई बार पैरोल पर बाहर आते रहे हैं, जिसे लेकर पत्रकार छत्रपति के बेटे नाराज़गी जाहिर करते रहे हैं.
चुनावों से पहले बरसती है राम रहीम पर कृपा
एनडीटीवी के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम को ज्यादातर राज्य या अन्य चुनावों के दौरान पैरोल और फरलो मिलते आए हैं. इस बार भी वह हरियाणा में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले फरलो पर बाहर आए हैं.
बता दें कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में डेरा प्रमुख के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. वहीं, अक्टूबर 2020 से यह दसवीं बार है कि वह पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर आए हैं.
अक्टूबर 2020 में उन्हें गुप्त तरीके से पैरोल पर बाहर निकाला गया था.
इसके बाद, मई 2021 में भी उन्हें अपनी बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल पर बाहर लाया गया था.
साल 2022 में उन्हें तीन बार पैरोल दी गई. फरवरी में 21 दिन के लिए बाहर आए, उस समय पंजाब में विधानसभा चुनाव थे. जून में एक महीने के लिए बाहर आए, तब हरियाणा में निकाय चुनाव थे. अक्टूबर में 40 दिनों के लिए वह जेल से बाहर आए, तब हरियाणा में उपचुनाव थे.
जनवरी 2023 में उन्हें फिर 40 दिन की पैरोल मिली.
इसके बाद जुलाई 2023 में 30 दिन के लिए वह जेल से बाहर आए. तब हरियाणा में पंचायत चुनाव थे.
नवंबर 2023 में भी तीन हफ्तों के लिए वह बाहर रहे. तब राजस्थान में विधानसभा चुनाव थे.
इसके बाद जनवरी 2024 में उन्हें 50 दिन की पैरोल मिली.