बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ पत्नी को लोकसभा चुनाव लड़ाना ग़लत फ़ैसला था: अजित पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजित पवार ने कहा है कि राजनीति को घर में नहीं घुसने देना चाहिए. मैंने अपनी बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ पत्नी सुनेत्रा को चुनावी मैदान में उतारकर ग़लती की थी. ऐसा नहीं होना चाहिए था. 

अजित पवार. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में बारामती से अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारकर गलती की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अजित पवार ने मराठी समाचार चैनल ‘जय महाराष्ट्र’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं. राजनीति को घर में नहीं घुसने देना चाहिए. मैंने अपनी बहन के खिलाफ सुनेत्रा को मैदान में उतारकर गलती की. ऐसा नहीं होना चाहिए था. लेकिन (एनसीपी के) संसदीय बोर्ड ने फैसला किया. अब मुझे लगता है कि यह गलत था.’

पवार वर्तमान में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपने जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत राज्यव्यापी ‘जन सम्मान यात्रा’ पर हैं.

मालूम हो कि संयुक्त एनसीपी में विभाजन के बाद अजित पवार जुलाई 2023 में अधिकांश विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे.

लोकसभा चुनाव के दौरान पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ मैदान में उतारा था. सुले यह सीट लगातार चौथी बार जीतने में सफल रही थीं. उन्होंने अपनी भाभी सुनेत्रा पवार को लगभग 1.5 लाख वोट से हराया था.

अजीत पवार ने कहा, ‘यह एनसीपी संसदीय बोर्ड का फैसला था, जिसका मैंने पालन किया.’

अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार के समर्थन में भी सामने आए, जिन्हें भाजपा और शिवसेना निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सहयोगियों को समझना चाहिए कि वे क्या कह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘जब हम साथ बैठेंगे, तब मैं अपनी राय व्यक्त करूंगा.’

अजीत पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि शरद पवार परिवार के मुखिया और वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए वह उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह केवल विकास के बारे में बोलेंगे और उनके खिलाफ किसी भी आलोचना के बारे में नहीं.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूछे जाने पर कि क्या उनके चाचा और चचेरी बहन सुप्रिया सुले के साथ फिर से एकजुट होने की संभावना है. पवार ने जवाब दिया, ‘मैं महायुति का हिस्सा हूं, लेकिन मेरा मतलब यह है कि राजनीति को अपने घरों में लाने से रिश्तों में कड़वाहट ही आएगी और किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए. मैं अपनी सीमित क्षमता के अनुसार हमेशा अपने परिवार के सदस्यों का समर्थन करूंगा, आखिरकार हम परिवार हैं और हमें एक-दूसरे के लिए मौजूद रहना चाहिए.’