कर्नाटक: सिद्धारमैया सरकार ने एसबीआई और पीएनबी के साथ सभी लेनदेन तत्काल प्रभाव से बंद किए

कर्नाटक के वित्त विभाग का निर्देश भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में जमा सरकारी धन के दुरुपयोग के कई आरोपों के मद्देनज़र सामने आया है, जहां राज्य के सभी सरकारी विभागों, उद्यमों आदि को इन दोनों संस्थानों में जमा सारी राशि निकालकर बैंक खातों को बंद करने को कहा गया है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (फोटो साभार: ट्विटर/@CMofKarnataka)

नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार ने बुधवार (14 अगस्त) को अपने सभी विभागों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ सभी लेन-देन तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया  ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा अनुमोदित वित्त विभाग का ये निर्देश इन दोनों बैंकों में जमा सरकारी धन के दुरुपयोग के कई आरोपों के मद्देनजर सामने आया है.

मालूम हो कि कर्नाटक वित्त विभाग के सचिव पीसी जाफर द्वारा जारी एक परिपत्र (सर्कुलर) में राज्य के सभी सरकारी विभागों, सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों, बोर्ड और निगमों को इन दोनों संस्थानों में रखी सभी जमा राशि को वापस लेने और सभी बैंक खातों को बंद करने का निर्देश दिया गया है.

इसके अलावा इस परिपत्र में प्रदेश की सभी सरकारी संस्थाओं को इन बैंकों में आगे कोई धनराशि जमा नहीं करने या कोई निवेश नहीं करने का भी निर्देश दिया गया है.

इसके साथ ही वित्त विभाग ने सभी विभागों को बंद खातों और जमा निकासी के विवरण के साथ राज्य सरकार को एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है.

अखबार की खबर के अनुसार, सर्कुलर में कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के मामले का विवरण है, जिसमें दावा किया गया है कि बोर्ड ने नवंबर 2012 में पीएनबी की राजाजीनगर शाखा में 25 करोड़ रुपये जमा किए थे. लेकिन जमा अवधि की मैच्योर होने के बाद बैंक ने केवल 13 करोड़ रुपये लौटाए और शेष  12 करोड़ के राशि की हेराफेरी की गई.

इसी तरह, यह भी कहा गया है कि 2013 के कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) ने स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के एवेन्यू रोड शाखा में 10 करोड़ रुपये जमा किए थे. बाद में इसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर  एक निजी कंपनी द्वारा लिए गए ऋण के खिलाफ समायोजित करने का दावा बैंक अधिकारियों द्वारा किया गया. बाद में बैंक ने जमा राशि वापस करने से इनकार कर दिया.

दोनों बैंकों से जुड़े ये मामले अभी भी अदालतों में लंबित हैं.