नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है.
चुनाव आयोग ने शुक्रवार (16 अगस्त) को चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे. पहला चरण- 18 सितंबर, दूसरा चरण- 25 सितंबर और तीसरा चरण- एक अक्तूबर होगा. हरियाणा में एक चरण में एक अक्टूबर को मतदान होगा. दोनों राज्यों में मतगणना चार अक्टूबर को होगी.
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त हो रहा है. वहीं जम्मू-कश्मीर के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश का था कि 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराए जाएं.
बता दें कि चुनाव आयोग ने इस महीने चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया है.
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटें बढ़ीं
पिछले विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में कुल 87 सीटें थी, जो परिसीमन के बाद 90 कर दी गई हैं. इसमें से नौ सीटें एसटी और सात सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में परिदृश्य बदल गया है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में 11,838 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. कुल मतदाताओं की 87.09 लाख हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं. अंतिम मतदाता सूची अमरनाथ यात्रा समाप्त होने के एक दिन बाद 20 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी.
वर्तमान में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है. पिछली बार साल 2014 में जब चुनाव हुआ था, तब यह पूर्ण राज्य हुआ करता था. 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी.
पिछली बार हरियाणा और महाराष्ट्र में एक साथ हुए थे चुनाव
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी. उसे 40 सीटों पर जीत मिली थी. परिणाम के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की 10 की मदद से गठबंधन सरकार बनी थी.
अब जेजेपी भाजपा के साथ नहीं है. हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिली थी.
2019 में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा, 2024 में पांच सीटों पर सिमट गई है. शेष पांच सीट कांग्रेस के खाते में गई है.
महाराष्ट्र और हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे. महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल 28 नवंबर तक है. लेकिन इस बार चुनाव आयोग महाराष्ट्र में बाद में चुनाव कराएगा.
चुनाव आयोग ने कहा है, ऐसा ‘सुरक्षा बलों की आवश्यकता और महाराष्ट्र में हाल ही में हुई बारिश के अलावा गणेश चतुर्थी, दिवाली आदि जैसे आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए.’ किया गया है.