केरल: बैंक द्वारा वायनाड के भूस्खलन पीड़ितों के खातों से ईएमआई काटने पर विवाद

जुलाई के अंतिम सप्ताह में भीषण भूस्खलन का सामना करने वाले वायनाड के चूरलमाला में कई पीड़ितों ने शिकायत की है कि राज्य सरकार द्वारा वितरित आपातकालीन राहत से उनके द्वारा लिए गए लोन की ईएमआई काट ली गई. इस बारे में हुए विवाद के बाद कलेक्टर ने रिफंड का आदेश दिया है.

केरल के वायनाड में भूस्खलन. (फोटो साभार: X/@beatsinbrief)

नई दिल्ली: केरल ग्रामीण बैंक ने 30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन में बचे लोगों को राज्य सरकार द्वारा वितरित आपातकालीन राहत से ऋण की ईएमआई काट ली है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कदम से उन लोगों को झटका लगा है जो अभी भी उस आपदा से हुए नुकसान से जूझ रहे हैं जिसमें 230 से अधिक लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग लापता हैं.

भूस्खलन पीड़ितों के खातों से ऋण की मासिक किस्त काटने के केरल ग्रामीण बैंक के फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है. केरल सरकार द्वारा पीड़ितों के खातों में वित्तीय सहायता जमा करने के बाद यह राशि काटी गई. यह कदम सरकार द्वारा बैंकों को भूस्खलन पीड़ितों से ऋण चुकाने पर जोर न देने की सिफारिश के खिलाफ है.

पुंचिरिमट्टम की एक निजी चाय बागान की कर्मचारी मिनिमोल ने घर बनाने के लिए केरल ग्रामीण बैंक की चूरलमाला शाखा से 50,000 रुपये का ऋण लिया था. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि भूस्खलन के मद्देनजर बैंक अधिकारी ईएमआई नहीं काटेंगे.

हालांकि, जब सरकार ने शनिवार को वित्तीय सहायता ट्रांसफर की, तो उनके खाते से किस्त काट ली गई.

यह मामला तब सामने आया जब बैंक के कई खाताधारकों ने इसी तरह के अनुभव बताए और जिला पंचायत अध्यक्ष समशाद मरक्कर के ध्यान में लाए.

मुंदक्कई के राजेश ने कुछ सप्ताह पहले छह मवेशियों के साथ डेयरी फार्म स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण लिया था. भूस्खलन में उसने मवेशी, मवेशी शेड और अपना घर समेत सब कुछ खो दिया. उसके बैंक खाते से भी शनिवार को किस्त कटी. निजी चाय बागान में काम करने वाले संदीप और रथानी ने भी यही शिकायत की.

मरक्कर ने कहा, ‘राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति और राज्य सरकार पहले ही कह चुकी है कि वित्तीय संस्थान चूरलमाला भूस्खलन पीड़ितों से ऋण चुकाने पर जोर नहीं देंगे. इस समय बैंक का यह कदम क्रूर है.’ उन्होंने कहा कि पीड़ितों को यह राशि वापस की जानी चाहिए.

इसी बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय ने वायनाड जिला प्रशासन को इस मुद्दे पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. शनिवार को वायनाड जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को सूचित किया कि सरकार मेप्पाडी ग्राम पंचायत के चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम क्षेत्रों में भूस्खलन से बचे लोगों के खातों में वित्तीय सहायता स्थानांतरित कर रही है.

बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे 30 जुलाई के बाद पीड़ितों और बचे लोगों के खातों से कटौती न करें. अधिकारियों ने कहा कि अगर कटौती की जाती है, तो राशि खाते में जमा की जानी चाहिए.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र के पास ग्रामीण बैंक में बहुलांश हिस्सेदारी है, 50% सीधे और 35% पीएसयू केनरा बैंक के माध्यम से केरल सरकार के पास 15% हिस्सेदारी है.

आपदा के बाद राहत शिविरों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को राज्य सरकार की ओर से तत्काल राहत के रूप में 10,000 रुपये की आपातकालीन सहायता की घोषणा की थी.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल राज्य सहकारी बैंक (केरल बैंक) की चूरलमाला शाखा में मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम और चूरलमाला के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के 213 ऋणकर्ता हैं, जिन्हें 6.63 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है. इसके अलावा, ग्रामीणों के नाम पर 400 से अधिक गोल्ड लोन हैं.

चूरलमाला शाखा के कई कर्जदारों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि लापता व्यक्तियों में भी करीब 20 ऐसे लोग शामिल हैं.

केरल बैंक के निदेशक मंडल ने भूस्खलन में मरने वालों और अपने घर तथा जमीन खोने वालों के कर्ज माफ करने का फैसला किया था. इसी तरह, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने भी सरकार को आश्वासन दिया था कि वायनाड आपदा पीड़ितों को बैंक का कर्ज नहीं चुकाना पड़ेगा.

इस संबंध में शिकायतें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मामले में हस्तक्षेप किया और जिला कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

कलेक्टर ने कहा, ‘मेप्पाडी पंचायत के वार्ड 10, 11 और 12 में वायनाड भूस्खलन के पीड़ितों को आवंटित राहत राशि का वितरण प्रगति पर है. हालांकि, यह देखा गया है कि कई बैंकों ने राहत राशि से पैसे काट लिए हैं. बैंकों को किसी भी कारण से सरकार के राहत कोष से ईएमआई के लिए पैसे नहीं काटने चाहिए. यदि 30 जुलाई से आपदा पीड़ितों के बैंक खातों से कोई कटौती की गई है, तो बैंकों को जल्द ही पैसे वापस करने का निर्देश दिया गया है.’

उधर, केरल बैंक के अध्यक्ष वी. रवींद्रन ने कहा कि काटी गई राशि वापस कर दी जाएगी.