नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर के सांसद चिराग पासवान ने सोमवार (19 अगस्त, 2024) को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में लैटरल एंट्री को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि वह इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाने की योजना बना रहे हैं.
संघ लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर ‘लैटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली भारतीय नागरिकों’ से आवेदन मांगे थे.
नौकरशाही में 45 पदों पर ‘बैक गेट एंट्री’ की आलोचना करने वाले पासवान पहले एनडीए सहयोगी हैं.
24 केंद्रीय मंत्रालयों में 45 पदों पर लैटरल एंट्री का विज्ञापन
संघ लोक सेवा आयोग ने 24 केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक के 45 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है.
विज्ञापन के मुताबिक, अनुबंध की इस नौकरी के लिए लैटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती होनी है. कुल 45 पदों में से 10 संयुक्त सचिव और शेष 35 उप सचिव एवं निदेशक के लिए हैं. विज्ञापन के लिए अनुसार, इन पदों को 17 सितंबर तक भरा जाना है.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि लैटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती कर केंद्र सरकार आरक्षण को दरकिनार करने की कोशिश कर रही है.
चिराग पासवान ने क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लैटरल एंट्री के मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि लोजपा (रामविलास) ऐसी नियुक्तियों के ‘बिल्कुल पक्ष में नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए.’
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से यह मामला सामने आया है, वह उनके लिए ‘चिंता का विषय’ है, क्योंकि उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा है.
इससे पहले सोमवार को ही कांग्रेस ने लैटरल एंट्री का विरोध किया था. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे ‘दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों पर हमला’ बताया है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा के रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है.’
विपक्ष ने उठाए हैं सवाल
राहुल गांधी से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया था और इसे ‘आरक्षण पर दोहरा हमला’ बताया था. उन्होंने पूछा था कि क्या इन लैटरल एंट्री पदों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए कोई आरक्षण है?
खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘एक सुनियोजित साजिश के तहत भाजपा जानबूझकर नौकरियों में ऐसी भर्तियां कर रही है, ताकि एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग को आरक्षण से दूर रखा जा सके. उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ आरक्षण घोटाला अब हाईकोर्ट के फैसले से उजागर हो गया है.’ उन्होंने कहा है कि मार्च 2024 में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था.
खरगे ने आगे लिखा, ‘भारत के संविधान में निहित आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के प्रावधानों को पूरी तरह लागू करना आवश्यक है. इसीलिए कांग्रेस पार्टी सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना की मांग कर रही है.’