नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सोमवार को जारी अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370, 35ए और राज्य का दर्जा बहाल करके 5 अगस्त 2019 से पहले वाली स्थिति लाने का संकल्प लिया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अपनी 12 गारंटियों में पार्टी ने यह भी कहा है कि वह वर्ष 2000 में जम्मू कश्मीर विधानसभा द्वारा पारित ‘स्वायत्ता प्रस्ताव’ के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए काम करेगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है, ‘हम जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर सरकार के कामकाज के लेन-देन नियम 2019 को फिर से तैयार करने का प्रयास करेंगे.’
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भूमिहीनों और लंबे समय से बिना किसी रुकावट के राज्य की जमीन पर कब्जा करने वालों को जमीन मुहैया कराने के लिए नीति बनाने का भी वादा किया है, जिसमें एक सुविचारित योजना के तहत मालिकाना हक प्रदान किया जाएगा.
पार्टी ने यह भी कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता को बढ़ावा देगी तथा जेलों में बंद कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी.
घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हम उन राजनीतिक कैदियों और युवाओं की रिहाई को प्राथमिकता देंगे जिन्हें गलत तरीके से जेलों में बंद किया गया है और जो गंभीर अपराधों में शामिल नहीं हैं. हम सभी राजनीतिक कैदियों के लिए माफी की भी मांग करेंगे.’
जम्मू कश्मीर में ‘सामान्य स्थिति बहाल करने’ के अपने वादे के तहत, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने यह भी कहा है कि वह नौकरी के आवेदकों के लिए सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए इसे सुव्यवस्थित करेगी, अनावश्यक देरी को कम करेगी, यह सुनिश्चित करेगी कि पासपोर्ट सत्यापन प्रक्रिया सरल हो.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आगे कहा, ‘अन्यायपूर्ण नौकरी समाप्ति के मामलों को संबोधित करना और सुधारना, सभी कर्मचारियों के लिए उचित व्यवहार और नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करना. राजमार्गों पर लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान करना बंद किया जाएगा.’
जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा. मतगणना 4 अक्टूबर को होगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा कि पार्टी का कैदियों को रिहा करने या अनुच्छेद 370 को बहाल करने पर कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लोगों का शोषण किया है और आतंकवाद को बढ़ावा दिया है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को वापस लाने का कोई सवाल ही नहीं उठता क्योंकि न तो उमर अबदुल्ला और न ही कांग्रेस जम्मू कश्मीर में सरकार में आएंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक रेड्डी ने कहा, ‘उमर अब्दुल्ला या नेशनल कॉन्फ्रेंस या कांग्रेस के (जम्मू कश्मीर में) सत्ता में आने का कोई सवाल ही नहीं है, फिर वे अनुच्छेद 370 को वापस कैसे लाएंगे? उमर अब्दुल्ला न तो मुख्यमंत्री बनेंगे और न ही सत्ता में आएंगे, इसलिए अनुच्छेद 370 को वापस लाने का कोई मुद्दा ही नहीं बनता.’