यूपी: दो दशक पुराने मामले की सुनवाई में शामिल न होने पर सांसद संजय सिंह की गिरफ़्तारी का आदेश

मामला साल 2001 का है. सुल्तानपुर में पूर्व समाजवादी पार्टी विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसमें संजय सिंह समेत पूर्व पार्षद कमल श्रीवास्तव, विजय कुमार, संतोष और सुभाष चौधरी शामिल हुए थे. इन चारों के ख़िलाफ़ भी अदालत में मामला चल रहा है. 

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आप सांसद संजय सिंह, (फोटो साभार: एक्स/संजय सिंह)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की एक अदालत ने मंगलवार (20 अगस्त) को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को दो दशक पुराने एक मामले की सुनवाई में शामिल नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताई और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार कर 28 अगस्त को अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 13 अगस्त को अदालत द्वारा संजय सिंह, समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अनूप संडा और चार अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसकी सुनवाई मंगलवार (20 अगस्त) को होनी थी. हालांकि, आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए थे. 

अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘अदालत ने पुलिस को सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने और 28 अगस्त तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है.’

आरोपियों के वकील मदन सिंह ने कहा कि सिंह और संडा की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष 22 अगस्त को सुनवाई होनी है. 

जिस मामले को लेकर अदालत का यह आदेश जारी हुआ है, वह मामला साल 2001 का है. 19 जून 2001 को, सुल्तानपुर के सब्जी मंडी क्षेत्र के करीब एक ओवरब्रिज के पास पूर्व सपा विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था. प्रदर्शन में संजय सिंह समेत पूर्व पार्षद कमल श्रीवास्तव, विजय कुमार, संतोष और सुभाष चौधरी शामिल हुए थे. इन चारों के खिलाफ अदालत में मामला चल रहा है. 

बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में छह महीने जेल में बिताने के बाद वरिष्ठ आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को अप्रैल के महीने में तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया था. इसी मामले में आप के एक और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया 17 महीने जेल में बिताने के बाद इस महीने जेल से रिहा हुए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी भी जेल में बंद हैं.