आंध्र प्रदेश: अनकापल्ली में फार्मा कंपनी में विस्फोट से 17 श्रमिकों की मौत, 30 से अधिक घायल

अनकापल्ली ज़िले के अच्युतापुरम में इंटरमीडिएट केमिकल और दवा सामग्री बनाने वाली एसिएंटिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड में विस्फोट के बाद लगी भीषण आग लग गई. इसके बाद श्रमिकों के परिजनों और आस-पास के गांवों के लोगों ने स्टाफ की समुचित सुरक्षा की मांग उठाते हुए फैक्ट्री परिसर में प्रदर्शन किया.

फार्मा कंपनी में विस्फोट बुधवार दोपहर हुई. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में अच्युतापुरम में विशेष आर्थिक क्षेत्र में एसिएंटिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड में बुधवार को एक रिएक्टर विस्फोट के बाद लगी भीषण आग में कम से कम 17 श्रमिकों की मौत हो गई और 30 से अधिक झुलस गए. कंपनी इंटरमीडिएट केमिकल और दवा सामग्री बनाती है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, चार मंजिला इमारत की पहली मंजिल के स्लैब के मलबे के नीचे कई श्रमिकों के शव फंसे होने की आशंका है, इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है. बताया गया है कि विस्फोट इतना जोरदार था कि कुछ श्रमिकों के शरीर के कटे हुए अंग कंपनी परिसर में कुछ दूर तक जा गिरे. इलाके में आग की लपटें और धुआं फैल गया.

फार्मा इकाइयों के कुछ लोगों के अलावा अनकापल्ली और विशाखापत्तनम से दस दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमों को कार्रवाई में लगाया गया. कर्मियों ने तीसरी मंजिल पर फंसे कई श्रमिकों को सुरक्षित रूप से निकाला. कंपनी में दो शिफ्टों में 381 कर्मचारी काम कर रहे थे. यह दुर्घटना शिफ्ट बदलने के दौरान दोपहर करीब 2.15 बजे हुई.

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला पुलिस अधीक्षक एम. दीपिका ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो गया है और मरने वालों की अंतिम संख्या 17 है और 34 घायल हैं. जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि विस्फोट गैस रिसाव के कारण हुआ था जो अंततः एक बिजली के पैनल तक पहुंचा.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार सभी प्रभावित व्यक्तियों की सहायता करने की पूरी जिम्मेदारी लेगी. वह गुरुवार को दुर्घटना स्थल का दौरा करेंगे और घायल श्रमिकों से मिलेंगे.

नायडू ने स्वास्थ्य सचिव एमटी कृष्णा बाबू को अनकापल्ले जाने का निर्देश दिया और कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा मिले. सीएम ने घायलों को ले जाने के लिए, यदि आवश्यक हो, तो एयर एंबुलेंस के उपयोग को भी अधिकृत किया.

17 मृतकों में से चार की पहचान हो गई है. वाई चिन्ना राव (32), चल्लापल्ली हरिका (22) और मोहन दुर्गा प्रसाद (20) की मौके पर ही मौत हो गई, और एक अन्य कर्मचारी राम रेड्डी (47) की केजीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई.

घायलों में से 13 को अच्युतापुरम के पवन साईं अस्पताल, 11 को अनकापल्ली एनटीआर अस्पताल और नौ का इलाज अनकापल्ली उषा प्राइम अस्पताल में किया जा रहा है.

घटना को याद करते हुए प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा, ‘विस्फोट के बाद पहली मंजिल की छत गिर गई, जिससे कई लोग मलबे में फंस गए. हमने देखा कि विस्फोट के चलते गंभीर रूप से जले हुए लोग, कुछ पूरी तरह से जले, इमारत से बाहर आकर गिर रहे थे.’

दुर्घटना के बाद तनाव तब और बढ़ गया जब श्रमिकों के परिवार के सदस्यों और आस-पास के गांवों के स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि अधिकारी और फैक्ट्री प्रबंधन कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

प्रबंधन पर निशाना

द हिंदू के अनुसार, आसपास की फार्मा कंपनियों के बड़ी संख्या में कर्मचारी, लालम कोडुरु, मटुरू, एसईजेड कॉलोनी के निवासी, विभिन्न श्रमिक संघों के सदस्य, सीआईटीयू, सीपीआई(एम) और अन्य दलों के नेता घटना की शाम फैक्ट्री पहुंचे और सुरक्षा मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए प्रबंधन पर अपना गुस्सा जाहिर किया.

एक नाराज़ फ़ार्मा कर्मचारी ने पूछा, ‘दुर्घटना को हुए छह घंटे से ज़्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मरने वालों और घायलों की संख्या के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. हालांकि ऐसी दुर्घटनाएं अक्सर होती रही हैं, लेकिन कोई उपाय नहीं किए गए हैं. क्या हमारी ज़िंदगी मायने रखती है?’

सीआईटीयू के जिला उपाध्यक्ष गणिसेट्टी सत्यनारायण ने कहा कि हाल के दिनों में इतनी बड़ी दुर्घटना नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि 12 दमकल गाड़ियां छह घंटे से अधिक समय तक आग बुझाने में लगी रहीं, लेकिन फिर भी दमकलकर्मी स्थिति पर काबू नहीं पा सके.

सीपीआई (एम) अनकापल्ली जिला सचिव के. लोकनाधम ने कहा कि प्रबंधन की कथित लापरवाही और उदासीनता के कारण बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं. पिछली सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और सख्त कदम उठाने में विफल रहीं. सुरक्षा ऑडिट हुए कई साल हो गए हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘केवल ऐसी दुर्घटनाओं के दौरान ही अधिकारी समितियां बनाते हैं. बाद में समितियों की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया जाता है.’

40 एकड़ में फैली एसिएंटिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2019 में अच्युतापुरम एसईजेड में लगभग 200 करोड़ रुपये के बजट के साथ की गई थी. कंपनी एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) बनाती है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के कनेक्टिकट (अमेरिका) और हैदराबाद में दो अनुसंधान एवं विकास केंद्र हैं, साथ ही अनकापल्ली में एक वाणिज्यिक मैन्युफैक्चरिंग इकाई भी है.

इसी बीच, आईटी मंत्री नारा लोकेश ने घटना पर दुख जताया और पीड़ित परिवार को पूरी सहायता का आश्वासन दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इस घटना पर दुख और शोक व्यक्त किया. शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए वाईएसआरसीपी अध्यक्ष ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार मिले.

उन्होंने अधिकारियों से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की.