बृजभूषण केस: महिला पहलवानों ने कहा- गवाही से पहले उनकी पुलिस सुरक्षा वापस ली गई

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक महिला पहलवान ने अदालत को सूचित किया है कि मामले में गवाही देने से एक दिन पहले उन्हें प्राप्त पुलिस सुरक्षा वापस ले ली गई है.

बृजभूषण शरण सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक/@brijbhushansharan)

नई दिल्ली: तत्कालीन भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालीं महिला पहलवानों ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया और कहा कि उनमें से एक द्वारा निचली अदालत में सिंह के खिलाफ गवाही देने से एक दिन पहले उसकी पुलिस सुरक्षा वापस ले ली गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने डीसीपी (नई दिल्ली) को पहलवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम उपाय करने का निर्देश दिया. साथ ही, अदालत ने डीसीपी को अगली सुनवाई (शुक्रवार) को पहलवानों की सुरक्षा वापस लेने के कारणों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

इसमें कहा गया है, ‘इस बीच, शिकायतकर्ता/पीड़िता संख्या 4 (गवाहों की सूची के अनुसार) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अंतरिम उपाय के रूप में संबंधित डीसीपी को निर्देश दिया जाता है कि वह उसकी गवाही पूरी होने तक और इस अदालत से अगले आदेश तक उसकी सुरक्षा के लिए तत्काल और उचित व्यवस्था करें.’

एक्स पर एक पोस्ट में नई दिल्ली के डीसीपी ने कहा, ‘पहलवानों को दी गई सुरक्षा वापस नहीं ली गई है; भविष्य में हरियाणा पुलिस से यह जिम्मेदारी लेने का अनुरोध करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति आमतौर पर वहीं रहते हैं. नियुक्त किए गए दिल्ली पुलिस के पीएसओ ने इस फैसले को गलत समझा और आज रिपोर्ट करने में देरी कर दी. स्थिति को सुधार लिया गया है. सुरक्षा कवर जारी है.’

बता दें कि सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के एक साल बाद जुलाई में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. इस साल मई में अदालत ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप तय किए थे.

सिंह ने खुद को निर्दोष बताया था. उन्होंने अदालत के सामने कहा था, ‘कोई सवाल ही नहीं है. गलती किए ही नहीं तो मानेंगे क्यों?’

ज्ञात हो कि सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न, हमले और पीछा करने के लिए दायर 1,500 पृष्ठों के आरोपपत्र में चार राज्यों के कम से कम 22 गवाहों के बयानों का उल्लेख किया गया है, जिनमें पहलवान, एक रेफरी, एक कोच और एक फिजियोथेरेपिस्ट शामिल हैं, जिन्होंने आरोपों की पुष्टि की है.

गौरतलब है कि 21 अप्रैल 2023 को 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किए जाने पर पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे और अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

शीर्ष अदालत ने भी आरोपों को गंभीर मानते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जिसके बाद पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो के तहत दर्ज किया गया मामला भी है.

हालांकि, नाबालिग और उसके पिता, जो शिकायतकर्ता थे, ने बाद में मजिस्ट्रेट के सामने एक ताजा बयान में सिंह के खिलाफ अपने आरोप वापस ले लिए थे. आरोप है कि ऐसा उन्होंने लगातार मिल रहीं धमकियों के चलते किया.