एनडीए ने राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा पार किया, 12 सदस्य निर्विरोध चुने गए

भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, क्योंकि 3 सितंबर को इस सदन के लिए निर्धारित उपचुनावों से पहले विपक्षी कांग्रेस के एक उम्मीदवार सहित 12 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए. 237 सदस्यीय सदन में बहुमत 119 है, एनडीए के पास 121 सदस्य हैं.

नरेंद्र मोदी और अमित शाह एनडीए नेताओं के साथ. (फोटो साभार: X/@amitshah)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, क्योंकि 3 सितंबर को उच्च सदन के लिए निर्धारित उपचुनावों से पहले विपक्षी कांग्रेस के एक उम्मीदवार सहित 12 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं.

245 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है. हालांकि, वर्तमान में सदन में 237 सदस्य हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर से चार रिक्तियां हैं, जहां अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं और चार मनोनीत सदस्य हैं.

उपचुनावों से पहले एनडीए के पास कुल 110 सांसद थे, जिनमें छह मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं, जो सरकार का समर्थन करते हैं. लेकिन अब 11 सदस्यों के निर्विरोध चुने जाने के बाद एनडीए के पास 121 सदस्य हो गए हैं, जबकि 237 सदस्यीय सदन में बहुमत 119 है.

मंगलवार (27 अगस्त) को निर्विरोध चुने गए उम्मीदवारों में राजस्थान से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन शामिल हैं. निर्विरोध चुने गए अन्य भाजपा उम्मीदवारों में पूर्व कांग्रेस नेता किरण चौधरी (हरियाणा), पूर्व बीजद नेता ममता मोहंता (ओडिशा), मनन कुमार मिश्रा (बिहार), धैर्यशील पाटिल (महाराष्ट्र) और राजीव भट्टाचार्य (त्रिपुरा) शामिल हैं.

इसके अलावा, एनडीए के सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा भी बिहार से निर्विरोध चुने गए, जबकि महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नितिन पाटिल भी राज्य से निर्विरोध चुने गए.

इससे पहले सोमवार (26 अगस्त) को मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली दोनों असम से निर्विरोध चुने गए.

मंगलवार (27 अगस्त) को ही विपक्ष के एकमात्र उम्मीदवार कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से निर्विरोध निर्वाचित हुए.

2024 के चुनावों में राज्यसभा के दस सदस्यों के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद ये बारह रिक्तियां हुई थीं. इनमें भाजपा के पीयूष गोयल, कामाख्या प्रसाद तासा, विवेक ठाकुर, उदयनराजे भोसले, बिप्लब कुमार देब, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजद की मीसा भारती, कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और केसी वेणुगोपाल शामिल हैं.

ओडिशा और तेलंगाना से भी दो सीटें खाली हुईं. मोहंता बीजू जनता दल (बीजद) से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. वहीं, के. केशव राव बीआरएस से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए, जिससे सिंघवी के लिए रास्ता साफ हो गया.

नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने के बाद सदन में भाजपा के कुल 96 सदस्य हो जाएंगे.

दूसरी ओर कांग्रेस के पास राज्यसभा में कुल 27 सदस्य होंगे. अन्य प्रमुख विपक्षी दलों में टीएमसी के 13 सदस्य, वाईएसआरसीपी (11), आम आदमी पार्टी और डीएमके के 10-10, बीजद के आठ और राजद के 5 सदस्य शामिल हैं.

पिछली दो मोदी सरकारों में विधेयकों पर भाजपा का समर्थन करने के बावजूद वाईएसआरसीपी और बीजद अब तटस्थ हैं.

अन्य गुटनिरपेक्ष दलों में एआईएडीएमके (4) और बीआरएस (4) शामिल हैं, लेकिन वे विधेयकों पर सरकार का समर्थन कर सकते हैं.

जुलाई में ही एनडीए बहुमत से चूक गया था, जब 226 सदस्यीय राज्यसभा में एनडीए के 101 सदस्य थे और सदन में 19 सीटें रिक्त थीं.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)