नई दिल्ली: 5 अगस्त को शेख़ हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में लगभग 1.94 लाख लोगों के खिलाफ कम से कम 268 मामले दर्ज किए गए हैं. जिन लोगों पर मामले दर्ज हुए हैं, उनमें से अधिकांश बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित अवामी लीग के नेता और कार्यकर्ता हैं.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, 1.94 लाख आरोपियों में से 26,268 लोग नामजद हैं और लगभग 1.68 लाख अज्ञात.
ये आंकड़े मानवाधिकार सांस्कृतिक फाउंडेशन (एमएसएफ) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में सामने आए हैं.
क्यों दर्ज हुए हैं मामले?
बांग्लादेश से भागकर भारत में रह रहीं हसीना के खिलाफ करीब 100 मामले दर्ज किए गए हैं. एडवोकेट सुल्ताना कमाल की अगुआई वाली एमएसएफ ने बताया कि उनके खिलाफ ज्यादातर मामले प्रदर्शनकारियों की हत्याओं से जुड़े हैं.
मानवाधिकार संस्था ने मामलों की सूची तैयार करने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया है और स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से जानकारी जुटाई है.
एमएसएफ ने कहा कि जुलाई से अगस्त के बीच हिंसक झड़पों और लॉ एनक्रोचमेंट एजेंसी के लोगों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी के कारण कम से कम 809 लोग मारे गए, जबकि 33,000 से अधिक लोग घायल हुए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में राजनीतिक हिंसा की 23 घटनाओं में कम से कम 204 लोग शिकार हुए. इनमें से नौ लोग मारे गए और 195 घायल हुए.
हिंसा में राजनीतिक दलों का योगदान?
हिंसा की 23 घटनाओं में से 12 बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के बीच आपसी लड़ाई के कारण हुईं, 9 बीएनपी–अवामी लीग के बीच झड़पों में, एक अवामी लीग के आपसी झगड़े में और एक जमात और बीएनपी के बीच हुई.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में पांच बीएनपी कार्यकर्ता और तीन अवामी कार्यकर्ता थे .
एमएसएफ ने कहा कि 5 अगस्त के बाद पत्रकारों के खिलाफ कम से कम आठ मामले दर्ज किए गए, जिनमें से तीन हत्या के आरोप से संबंधित हैं.