झारखंड: आबकारी कॉन्स्टेबल भर्ती की शारीरिक परीक्षा के ग्यारह दिनों के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत

झारखंड आबकारी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए शारीरिक परीक्षण राज्य के 7 केंद्रों पर आयोजित हो रहा है, जो 4 सितंबर तक चलना है. इस दौरान पलामू में 4, गिरिडीह व हजारीबाग में दो-दो और रांची, पूर्वी सिंहभूम तथा साहिबगंज में एक-एक अभ्यर्थी की मौत हुई हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एक्स/@sahibganjpolic2)

नई दिल्ली: झारखंड आबकारी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में बीते 22 अगस्त से 7 केंद्रों पर आयोजित शारीरिक परीक्षण (फिटनेस टेस्ट) के लगभग ग्यारह दिनों के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आईजी (ऑपरेशन) अमोल वी. होमकर ने सोमवार को कहा, ‘दुर्भाग्य से, शारीरिक दौड़ परीक्षण के दौरान 11 उम्मीदवारों की मौत हो गई… पलामू में चार, गिरिडीह तथा हजारीबाग में दो-दो और रांची, पूर्वी सिंहभूम तथा साहिबगंज में एक-एक की मौतें दर्ज की गई हैं.’

उन्होंने यह भी कहा कि मौत के कारणों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

होमकर ने कहा कि वे भीषण गर्मी से बचने के लिए सुबह के समय जितनी जल्दी हो सके, परीक्षा पूरे करने का प्रयास कर रहे हैं. सभी सात केंद्रों पर दवाओं और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है.

इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पिछली भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए भर्ती नियमों की तत्काल समीक्षा करने का निर्देश दिया है.

बता दें कि 30 अगस्त तक कुल 1,27,772 अभ्यर्थी शारीरिक परीक्षण में शामिल हुए थे और उनमें से 78,023 इसे उत्तीर्ण करने में सफल रहे. यह भर्ती अभियान 4 सितंबर तक चलेगा, जिसमें प्रत्येक केंद्र पर एक आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता वाला बोर्ड शारीरिक परीक्षण कर रहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सैकड़ों अभ्यर्थियों के थकावट संबंधित बीमारियों से भी पीड़ित होने की बात सामने आई है.

डॉक्टरों का कहना है कि मौतों का कारण उम्मीदवारों द्वारा कठिन शारीरिक परीक्षण के लिए तैयारी न करना और उमस भरा मौसम हो सकता है.

हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि कुछ अभ्यर्थी स्टेरॉयड ले रहे थे, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रांची के स्मार्ट सिटी सेंटर में हर 500 मीटर पर पीने के पानी की व्यवस्था है. दौड़ के मार्ग पर सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है और और विभिन्न स्थानों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले उम्मीदवारों को तुरंत उपचार दिया जा सके.

एक अधिकारी ने कहा, ‘दौड़ के बाद कई अभ्यर्थियों को सांस लेने में तकलीफ हुई. सभी को ऑक्सीजन दी गई.’

पलामू में पुलिस ने शारीरिक परीक्षण के दौरान हुई मौतों के संबंध में बीएनएस की धारा 194 के तहत अप्राकृतिक मौतों के दो मामले दर्ज किए हैं. अख़बार के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, ‘बीमार होने वाले कुछ उम्मीदवारों में आक्रामकता के लक्षण दिखे, जो स्टेरॉयड सेवन के लक्षणों में से एक है.’

हजारीबाग में अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा के दौरान 310 अभ्यर्थी बेहोश हो गए. वहीं, एक डॉक्टर ने कहा, ‘अभ्यर्थी इतनी कठिन दौड़ के लिए तैयार नहीं थे.’

इस बीच, विपक्षी भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘नौकरी चाहने वालों को मौत के मुंह में धकेलने’ का आरोप लगाते हुए पीड़ितों के परिवारों को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

उधर, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भर्ती अभियान राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा तैयार नियमावली के अनुसार चलाया गया है.