नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा हाल ही में ‘बुलडोजर जस्टिस’ सवाल खड़े करने और राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए दिशानिर्देश तैयार करने की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व भरोसेमंद नौकरशाह एके शर्मा ने गुरुवार (5 सितंबर) को कहा कि राज्य में बुलडोजर का इस्तेमाल जारी रहेगा.
यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने राज्य सरकार द्वारा बुलडोजर के इस्तेमाल को उचित ठहराते हुए इसके बचाव में कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गुंडागर्दी और ‘माफिया राज’ को खत्म करने का तरीका है, उसी तरह जैसे पीएम मोदी राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार से निपट रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री ने पूर्वी यूपी के सिद्धार्थनगर में पत्रकारों से कहा, ‘गुंडागर्दी और माफिया राज को खत्म करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है और यह अच्छी बात है.’
नौकरशाही से राजनीति में आने वाले मूल रूप से मऊ के निवासी एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार बुलडोजर का इस्तेमाल बंद नहीं करेगी.
मंत्री ने जोड़ा, ‘कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से आपराधिक और माफिया गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसका इस्तेमाल जारी रहेगा.’
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ‘माफिया और गुंडों’ के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही है, जो समाजवादी पार्टी (सपा) के शासन के दौरान पनपे और बढ़े थे. शर्मा के अनुसार, ऐसे तत्वों ने गरीबों और आम जनता के साथ-साथ सरकार की जमीन भी अवैध तरीके से हड़पी है.
मालूम हो कि ऊर्जा मंत्री का यह बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के बाद आया है, जहां सीएम ने एक दिन पहले ही लखनऊ के एक आधिकारिक कार्यक्रम में कहा था कि आरोपी व्यक्तियों की संपत्ति को ध्वस्त करने के लिए उनकी सरकार द्वारा बुलडोजरों के इस्तेमाल पर खुशी जताने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.
आदित्यनाथ ने कहा था, ‘हर किसी के हाथ बुलडोजर पर नहीं टिक सकते. इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए. बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो, वही बुलडोजर चला सकता है.’
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का ये बयान समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की उस टिप्पणी के जवाब में आया था, जिसमें अखिलेश ने कहा था, अगर 2027 में सत्ता में आए तो वह सभी बुलडोजरों को सीएम के गढ़ गोरखपुर में भेज देंगे.
ज्ञात हो कि 2017 में सत्ता में आने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने अपने राजनीतिक विरोधियों के साथ-साथ आम नागरिकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर के बेलगाम इस्तेमाल को अवैध रूप से बढ़ावा दिया. उनके रडार पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों समेत कई विपक्षी नेता रहे हैं.
बुलडोजर के इस्तेमाल पर आदित्यनाथ की टिप्पणी के तुरंत बाद अखिलेश यादव ने भी चुटकी लेते हुए कहा, ‘यदि आप और आपका बुलडोजर इतने सफल हो हैं, तो एक नई पार्टी बनाएं और ‘बुलडोजर’ के चुनाव चिह्न के साथ चुनाव लड़ें. आपकी गलतफहमी और अहंकार टूट जाएगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘वैसे भी, आपकी स्थिति को देखते हुए यही लगता है कि भले ही आप भारतीय जनता पार्टी में हैं, लेकिन आपको आज या कल नई पार्टी बनानी होगी.’
वैसे, ये पहली बार नहीं है कि अखिलेश यादव ने सत्ता में लौटने पर भाजपा के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल करने की धमकी दी है या इसके इस्तेमाल से संपत्ति को ध्वस्त करने के लिए आदित्यनाथ की आलोचना की है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भी अखिलेश यादव ने वादा किया था कि अगर वे सत्ता में आए तो बुलडोजर के स्टीयरिंग ह्वील को अलग दिशा में घुमा देंगे.
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल की आलोचना की थी. जस्टिस बीआर गवई ने कहा था, ‘किसी का घर केवल इसलिए कैसे तोड़ा जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है, भले ही वह दोषी हो, कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता है.’
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