यूपी: अयोध्या में भाजपा की आंतरिक कलह सामने आई, पूर्व सांसद बोले- माफिया के साथ मंच पर नहीं बैठता

अयोध्या में भाजपा के सदस्यता अभियान से पहले रखी गई एक प्रेस वार्ता को फ़ैज़ाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह यह कहते हुए बीच में छोड़कर चले गए कि वे माफिया के साथ नहीं बैठ सकते. बताया जा रहा है कि उनका इशारा मंच पर बैठे भाजपा नेता शिवेंद्र सिंह की ओर था.

फैजाबाद लोकसभा सीट से पूर्व सांसद लल्लू सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक/@/Lallu.Singh)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी की अयोध्या इकाई के बीच खुलकर ‘मतभेद’ देखने को मिल रहे हैं. हाल ही में पार्टी सदस्यता अभियान को शुरू करने के लिए आयोजित प्रेस वार्ता को भाजपा नेता और फैजाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह बीच में ही छोड़कर चले गए.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, प्रेस कॉन्फ्रेंस से अचानक बाहर निकलते हुए सिंह ने कहा कि वो माफिया के साथ नहीं बैठ सकते. सिंह ने आरोप लगाया कि मंच पर माफिया तत्व मौजूद थे, जिसके बाद उन्हें उठकर परिसर से बाहर जाना पड़ा.

लल्लू सिंह ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया. लेकिन, उनका इशारा मंच पर बैठे भाजपा नेता शिवेंद्र सिंह की ओर माना जा रहा है.

मालूम हो कि इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में लल्लू सिंह को फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया था.

रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी सदस्यता अभियान की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या की निर्धारित यात्रा से एक दिन पहले बुधवार (4 सितंबर) को आयोजित की गई थी, जहां भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने स्वयं निर्वाचन क्षेत्र की कमान संभाल ली है और यहां तक ​​कि कुछ मंत्रियों को भी वहां डेरा डालने के लिए कहा गया है.

पार्टी कार्यकर्ता शिवेंद्र सिंह, जिनकी ओर लल्लू सिंह का इशारा था, उन्होंने संसदीय चुनाव में पार्टी की हार के लिए पूर्व सांसद की लोकसभा चुनाव से पहले की गई ‘संविधान बदल देंगे’ वाली टिप्पणी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने अतीत में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के साथ लल्लू के कथित संबंधों की ओर भी इशारा किया था.

अखबार से बात करते हुए लल्लू सिंह ने कहा कि उनके इस कदम का आने वाले विधानसभा उपचुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि,  कई नेताओं को लगता है कि पार्टी में और अधिक मतभेद पैदा हों, इससे पहले इस तरह मसलों को सुलझाना होगा.

उन्होंने कहा, ‘यह दरकिनार किए जाने के बारे में नहीं है. कौन मुझे दरकिनार करेगा? यह मर्यादा और अनुशासन के बारे में है. मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में समय से पहले पहुंच गया था और पत्रकारों के साथ बैठा था. तभी पार्टी के कुछ नेता पहुंचे और मंच की ओर बढ़े. मैंने वहां कुछ गलत लोगों को बैठे देखा. मैंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले ऐसे लोगों के साथ बैठना उचित नहीं समझा, इसलिए मैंने चुपचाप वहां से चले जाने का फैसला किया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पार्टी के लिए अनुशासन और मर्यादा बहुत जरूरी है. मैं एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में सालों से पार्टी की विचारधारा के लिए काम कर रहा हूं. पार्टी की जिला इकाई को इसे लेकर सावधान रहना चाहिए, वरना पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.’

वहीं शिवेंद्र सिंह ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि वह लंबे समय से भाजपा से सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं.

उन्होंने अखबार से कहा, ‘मैं उस दिन मंच पर मौजूद था. मैं लंबे समय से चुनावों में उनके साथ जुड़ा रहा हूं, लेकिन उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई है. मुझे लगता है कि उनका ये बयान उनकी बढ़ती उम्र का इशारा हो सकता है. उनकी संविधान संबंधी टिप्पणी के कारण ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. उनके पास मेरे साथ और इससे भी अधिक गंभीर मामलों का सामना कर रहे लोगों के साथ तस्वीरें हैं. उन्हें पहले किसी को माफिया कहने के अपने मानदंड स्पष्ट करने चाहिए.’

शिवेंद्र ने आगे कहा कि वह एक छात्र नेता रहे हैं और उन्होंने सालों तक पार्टी की विचारधारा के लिए काम किया है.

इस संबंध में भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि पार्टी के आंतरिक मुद्दों को उठाने का एक निर्धारित तरीका है.

गौरतलब है कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक अवधेश प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हुई है.