नई दिल्ली: भाजपा ने अपने पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पहलवानों और अब कांग्रेस सदस्य विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया पर कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करने को कहा है. हरियाणा में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के शीर्ष सूत्रों ने पुष्टि की कि पहलवानों पर सिंह की प्रतिकूल टिप्पणियों को हरियाणा के कुछ वर्गों ने ‘अच्छा नहीं माना गया’ और यह भाजपा के अभियान के संबंध में ‘अनावश्यक’ थीं.
कहा जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंह से उन दो पहलवानों पर ‘विवेकपूर्ण चुप्पी’ बनाए रखने के बारे में बात की है, जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
हालांकि, इस चेतावनी के बावजूद बृजभूषण शांत नहीं नजर आए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को उन्होंने गोंडा में कहा, ‘पहलवानों के विरोध प्रदर्शन की शुरुआत में महिलाओं द्वारा नेतृत्व किया गया प्रतीत हो सकता है. लेकिन धीरे-धीरे यह स्पष्ट हो गया कि यह एक परिवार और एक अखाड़े द्वारा किया जा रहा था… इसका नेतृत्व भूपिंदर हुड्डा कर रहे थे.’
उन्होंने कहा, ‘महाभारत में जो जुआ खेला गया था, उसमें द्रौपदी को दांव पर लगाया गया था. पांडव हार गए… हुड्डा परिवार ने… हमारी बेटियों और बहनों की इज्जत दांव पर लगा दी.’
एक सूत्र ने कहा कि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने सिंह को फोगाट और पुनिया के खिलाफ उनकी पिछली टिप्पणियों को लेकर चेतावनी जारी की थी.
द हिंदू के अनुसार, इससे पहले बृजभूषण ने आरोप लगाया था कि जनवरी 2023 में उनके खिलाफ उत्पीड़न के कथित आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली फोगाट और पुनिया कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर कर रहे हैं.
जिस दिन दोनों पहलवान कांग्रेस में शामिल हुए, सिंह ने कहा था, ‘यह कांग्रेस का आंदोलन है. और आज यह बात साबित हो गई है. इस पूरे आंदोलन में हमारे खिलाफ जो साजिश हुई, उसमें कांग्रेस शामिल थी और भूपेंद्र हुड्डा इसका नेतृत्व कर रहे थे.’
फोगाट ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा था कि भाजपा सिंह का समर्थन कर रही है, जबकि जब उन्हें दिल्ली में ‘सड़कों पर घसीटा जा रहा था, कांग्रेस पहलवानों का समर्थन कर रही थी.’ वहीं, पुनिया ने भी फोगाट की बात दोहराते हुए कहा कि कांग्रेस उनके कठिन समय में उनके साथ खड़ी रही.
हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में फोगाट ओलंपिक पदक जीतने से चूक गईं, क्योंकि उनका वजन उनके वजन वर्ग से सिर्फ़ 100 ग्राम ज़्यादा था. इस घटना के बाद उनके पक्ष में भावनाओं का तूफान आ गया.
भाजपा सूत्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में बृजभूषण द्वारा इस तरह की टिप्पणी करना हरियाणा में पार्टी के लिए मददगार नहीं है. हरियाणा में अगले महीने चुनाव होना है, जहां भाजपा तीसरी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है.
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में अपने मुकाबलों से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और इस दृष्टि से बृजभूषण की टिप्पणी अनुचित है.’
इंडियन एक्सप्रेस के की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के एक भाजपा नेता ने कहा, ‘पार्टी नेतृत्व को लगता है कि फोगाट और पुनिया के खिलाफ उनकी टिप्पणी हमारे खिलाफ जा सकती है, क्योंकि दोनों ने हरियाणा में मतदाताओं के बीच महत्वपूर्ण समर्थन हासिल किया है… ऐसी टिप्पणियों से बचना बेहतर है.’
हालांकि, एक अन्य नेता ने कहा कि बृजभूषण ने पहले ही नुकसान कर दिया है और यह घटनाक्रम हरियाणा चुनावों में भाजपा को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है.
उधर, फोगाट को कांग्रेस ने जुलाना विधानसभा सीट से टिकट दिया और रविवार (8 सितंबर) को उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में रोड शो के साथ अपने विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की है.
मालूम हो कि विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक उन भारतीय पहलवानों में शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी नेता बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. उस समय विनेश फोगाट भी खिलाड़ियों के आंदोलन का बड़ा चेहरा थीं और इन पहलवानों ने महीनों तक दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया था.
गौरतलब है कि 21 अप्रैल 2023 को 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किए जाने पर पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे और अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
शीर्ष अदालत ने भी आरोपों को गंभीर मानते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जिसके बाद पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो के तहत दर्ज किया गया मामला भी है.
हालांकि, नाबालिग और उसके पिता, जो शिकायतकर्ता थे, ने बाद में मजिस्ट्रेट के सामने एक ताजा बयान में सिंह के खिलाफ अपने आरोप वापस ले लिए थे. आरोप है कि ऐसा उन्होंने लगातार मिल रहीं धमकियों के चलते किया.