नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां जोरों पर हैं. कुरुक्षेत्र में अपनी पहली चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शनिवार (14 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा ‘हैट्रिक‘ लगाने को तैयार है और कांग्रेस आंतरिक महाभारत से जूझ रही है.
हालांकि, रविवार (15 सितंबर) को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अनिल विज ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जो खुद भाजपा में चल रहे ‘महाभारत’ की ओर इशारा करता है. विज ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में लौटती है तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करेंगे. विज ने खुद को ‘भाजपा का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री उम्मीदवार’ बताया है.
ध्यान रहे कि भाजपा पहले ही यह घोषणा कर चुकी है कि वह हरियाणा विधानसभा चुनाव वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लड़ रही है. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि अगर वह चुनाव जीतती है तो नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
ऐसे में अनिल विज के बयान से संकेत मिलता है कि अन्य दलों की तरह खेमेबाज़ी भाजपा में भी व्याप्त है. गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान विज ने केवल अपने क्षेत्र में ही प्रचार किया था, अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने नहीं गए थे.
विज के बोल
71 वर्षीय अनिल विज अंबाला छावनी से भाजपा के उम्मीदवार हैं. वह इस सीट से 6 बार जीत चुके हैं. 15 सितंबर को अपने विधानसभा क्षेत्र में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विज ने अपने उन कामों का ब्योरा दिया जो उन्होंने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री या विधायक रहते हुए किए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, विज ने कहा, ‘पूरे प्रदेश से लोग मेरे पास आते हैं. मैं जहां भी गया, लोग मुझसे पूछते हैं कि सबसे वरिष्ठ नेता होने के बावजूद मैं कभी सीएम क्यों नहीं बना. हरियाणा के लोगों की मांग और पार्टी में मेरी वरिष्ठता को देखते हुए मैं सीएम पद के लिए दावा पेश करूंगा. पार्टी मुझे सीएम बनाए या न बनाए, यह उसका विशेषाधिकार है. मैंने आज तक पार्टी से कोई पद नहीं मांगा, लेकिन आज मैं सीएम पद के लिए दावा पेश कर रहा हूं. अगर पार्टी मुझे सीएम बनाती है, तो मैं निश्चित रूप से हरियाणा की सूरत और तकदीर बदल दूंगा.’
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अनिल विज ने अपना रुख दोहराया, ‘क्यों नहीं? मैं सबसे वरिष्ठ नेता हूं और अपनी वरिष्ठता, अपने अनुभव और पूरे हरियाणा के लोगों की इच्छाओं और मांगों के आधार पर मैं आज कह सकता हूं कि मैं निश्चित रूप से सीएम पद के लिए अपना दावा पेश करूंगा… मेरा प्रचार अभियान भी बहुत ज़ोरदार चल रहा है.’
लोकसभा चुनाव में अंबाला सीट हार गई थी भाजपा
लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए भाजपा ने इस साल मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह ओबीसी चेहरे नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था. बदलाव के बावजूद भाजपा पांच सीट हार गई. कांग्रेस के हाथों भाजपा की हारी हुई सीटों में अंबाला लोकसभा सीट भी शामिल थी, जिसमें अनिल विज की अंबाला छावनी विधानसभा सीट आती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि जब पार्टी हाईकमान ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी के नाम पर मुहर लगाई तो अनिल विज नाराज हो गए थे. वह विधायकों की बैठक से बाहर चले गए थे, जिसकी अध्यक्षता आलाकमान के फैसले की घोषणा करने के लिए दिल्ली से आए दो पार्टी पर्यवेक्षक कर रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, ‘उस बैठक में विज ने खुले तौर पर इस फैसले की आलोचना की थी और गुस्से में बाहर निकल गए थे. बाद में विज, नायब सिंह सैनी मंत्रिमंडल में शामिल तो हुए लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गए. सैनी, खट्टर और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने विज को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.’
अनिल विज के अलावा केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राव इंद्रजीत भी मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक चुके हैं.
2014 में जब भाजपा ने राज्य में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, तब अनिल विज मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे थे. हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बने थे.