मुज़फ़्फ़रनगर दंगा: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा विधायकों के ख़िलाफ़ ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा विधायक संगीत सोम और उमेश मलिक के ख़िलाफ़ राज्य सरकार से मुकदमा चलाने की इजाज़त मिलने के बाद अदालत ने पेश होने को कहा.

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा विधायक संगीत सोम और उमेश मलिक के ख़िलाफ़ राज्य सरकार से मुकदमा चलाने की इजाज़त मिलने के बाद अदालत ने पेश होने को कहा.

muzaffarnagar riots
(बाएं से) भाजपा विधायक संगीत सोम, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और उप्र सरकार के मंत्री सुरेश राणा (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

मुज़फ़्फ़रनगर: उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा विधायक संगीत सोम और उमेश मलिक के खिलाफ साल 2013 के मुज़फ़्फ़रनगर दंगा मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं. इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्य सरकार की इजाजत के बाद अदालत ने वारंट जारी किए हैं.

विशेष जांच समिति (एसआईटी) के अधिकारियों के अनुसार अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मधु गुप्ता ने कल ताजा गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए आरोपियों से 19 जनवरी 2018 को अदालत में पेश होने के लिए कहा.

एसआईटी ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत कथित तौर पर घृणा भाषण देने के संबंध में मुकदमा चलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति  मांगी थी और सरकार ने इसकी अनुमति दे दी.

इन पर आरोप है कि इन लोगों ने एक महापंचायत में हिस्सा लिया था और अगस्त 2013 के अंतिम सप्ताह में भाषण के जरिए हिंसा भड़काई. इसके अलावा आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है.

ज्ञात हो कि मुज़फ़्फ़रनगर और इसके आसपास के इलाकों में  साल 2013 के अगस्त और सितंबर महीने में सांप्रदायिक झड़प हुई थी, जहां हुई हिंसा में 60 लोगों की मौत हो गई थी और 40,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे.