नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) नेता और विधायक आतिशी ने शनिवार (21 सितंबर) को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिलाई. आतिशी कालकाजी सीट से विधायक हैं.
अरविंद केजरीवाल द्वारा पद से इस्तीफा देने और आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखने के बाद मंगलवार को पार्टी विधायकों ने सर्वसम्मति से आतिशी को केजरीवाल का उत्तराधिकारी चुना था.
शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने मुख्यमंत्री पद सौंपने के लिए केजरीवाल को धन्यवाद दिया और कहा कि यह एक ‘भावनात्मक क्षण’ है क्योंकि वह (केजरीवाल) अब मुख्यमंत्री नहीं हैं.
राजधानी दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री और तीसरी महिला मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल ‘आम और गरीब दिल्लीवासियों के दर्द को समझते हैं’ और अब वह मुख्यमंत्री नहीं हैं क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ‘उनके खिलाफ साजिश रची थी’.
आतिशी ने कहा, ‘भाजपा की केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए, इन झूठे मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया, उन्हें छह महीने से अधिक समय तक जेल में रखा, उन्हें तोड़ने और दबाने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन वह (केजरीवाल) टूटे नहीं.’
दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने का जिक्र करते हुए आतिशी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बजाय इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह ‘लोगों की अदालत में जाना’ चाहते थे.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस कथन का भी हवाला दिया कि सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए.’ सीबीआई केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रही है.
आतिशी ने मतदाताओं से अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों में ‘केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाने’ का आह्वान किया, ताकि भाजपा उनकी सरकार की योजनाओं को समाप्त करने की ‘साजिश’ न रच सके.
सक्सेना ने आतिशी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत को भी नई सरकार के मंत्रिपरिषद में शपथ दिलाई.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में केजरीवाल भी मौजूद थे.
केवल आतिशी और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ही देश में महिला मुख्यमंत्री हैं.
भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की अन्य महिला मुख्यमंत्री थीं.
केजरीवाल के पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित केजरीवाल की जमानत शर्तों ने उन्हें कागजात पर हस्ताक्षर करने जैसे आवश्यक कर्तव्यों को पूरा करने से रोक दिया.
उन्होंने रविवार को पद छोड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने चुनाव अगले साल फरवरी के बजाय इस साल नवंबर में कराने का अनुरोध किया है.
प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई का आरोप है कि केजरीवाल की आप सरकार ने रिश्वत के बदले कुछ व्यापारियों को शराब के लाइसेंस दिए. वह नीति अब रद्द कर दी गई है.