झारखंड: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का भाजपा के सत्ता में आने पर एनआरसी लाने का वादा

झारखंड के बहरागोड़ा में आयोजित 'परिवर्तन सभा' में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने पर प्रदेश में एनआरसी लागू किया जाएगा ताकि विदेशी 'घुसपैठिए' आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र न बनवा पाएं.

शिवराज सिं​ह चौहान. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक हलचल तेज़ होती जा रही है. सोमवार (23 सितंबर) को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य की सत्ता में आती है, तो झारखंड में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू किया जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के कोल्हान डिवीजन के बहरागोड़ा में आयोजित ‘परिवर्तन सभा’ में बोलते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में एनआरसी लागू किया जाएगा ताकि ‘विदेशी घुसपैठिए’ आधार कार्ड न बना सकें और मतदाता पहचान पत्र में अपना नाम न दर्ज करवा पाएं.

केंद्रीय मंत्री ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार को जुर्म, मर्डर और माफिया की सरकार बताते हुए कहा, ‘आज बहनें अलग-अलग पोटली में मिट्टी लेकर आई हैं. झारखंड की इस धरती पर माटी, बेटी और रोटी सुरक्षित नहीं हैं. ये मुझसे कह रही हैं कि इन तीनों को सुरक्षित करो. मैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से वादा करता हूं कि भाजपा की सरकार बनते ही झारखंड की माटी, बेटी और रोटी सुरक्षित होगी.’

शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में बढ़ते ‘बाहरी घुसपैठियों’ पर चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही इन्हें चुन-चुनकर बाहर किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘हेमंत सोरेन सरकार इन्हें बुलाती है, आधार कार्ड बनवाती है और वोट के लालच में झारखंड की माटी का सौदा करती है.’

मालूम हो कि भाजपा ने बार-बार बांग्लादेशी प्रवासियों को ‘घुसपैठिया’ बताते हुए उन पर कथित तौर से आदिवासी महिलाओं से शादी करने, जमीन खरीदने और राज्य में स्थानीय लोगों की नौकरियों को हड़पने का आरोप लगाया है.

इस संबंध में 12 सितंबर को झारखंड उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र झारखंड के कुछ हिस्सों में अवैध प्रवास के बारे में चिंतित और सतर्क है, हालांकि, भूमि संबंधी किसी भी मामले में अभी तक बांग्लादेशी अप्रवासियों के संबंध स्थापित नहीं हो सके हैं.

इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग (ईसीआई) के सदस्यों ने सोमवार को चुनाव संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए रांची का दौरा किया. यहां इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं.

भाजपा की राज्य इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग की टीम के साथ बैठक की और उनसे यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था करने का आग्रह किया कि ‘कथित घुसपैठिए’ मतदान न कर सकें.

राज्य भाजपा ने झारखंड की गृह सचिव वंदना दादेल के काम और व्यवहार पर भी सवाल उठाया है और आरोप लगाया कि वह एक राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रही हैं.

मालूम हो कि इससे पहले दादेल ने ईसीआई को एक पत्र लिखकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान पर विभिन्न समुदायों में नफरत फैलाने की प्रवृत्ति और राज्य के शीर्ष नौकरशाहों को धमकी देने का आरोप लगाया था. निर्वाचन आयोग को भेजे पत्र में कहा गया था कि भाजपा ने बिना चुनावी कार्यक्रम तय हुए असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, जो राज्य के दौरों के दौरान विभिन्न समुदायों के बीच में नफ़रत फैला रहे हैं.

राज्य भाजपा का कहना है कि पहले भी वंदना दादेल ईडी को पत्र लिखकर एक नोटिस की वैधता के बारे में पूछा चुकी हैं. ये अधिकारी का काम नहीं है, ये राजनीतिक दल का काम है. इसलिए, वंदना दादेल को चुनाव कार्य से अलग रखने की मांग की गई है, तभी स्पष्ट रूप से निष्पक्ष चुनाव हो सकेंगे.’

गौरतलब है कि झारखंड चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने अभी से एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया है. गृह मंत्री अमित शाह से लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा राज्य में लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. बीते शुक्रवार (20 सितंबर) को ही शाह ने एक रैली में सूबे में बांग्लादेश के ‘घुसपैठियों’ को लेकर विभिन्न टिप्पणियां की थीं, जिस पर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है.