नई दिल्ली: ईरान द्वारा इजरायल पर एकाएक कई मिसाइली हमले के बाद दोनों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. इस बीच, बुधवार (2 अक्टूबर) को भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए परामर्श जारी कर ईरान की गैर जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है.
द हिंदू की खबर के अनुसार, एक बयान में विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि भारत सरकार पश्चिम एशिया में सुरक्षा की स्थिति को लेकर चिंतित है और इस इस पर करीब से नज़र बनाए हुए है.
इसमें संबंधित पक्षों से सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल करने की बात को दोहराते हुए नागरिकों की सुरक्षा के लिए संयम बरतने की अपील कि गई है.
एडवाइजरी में कहा गया है, ‘भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वो ईरान में गैर-ज़रूरी यात्रा करने से बचें. जो अभी ईरान में हैं, उनसे अनुरोध किया जाता है कि सतर्क रहें और तेहरान में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें.’
मालूम हो कि इससे पहले मंगलवार (1 अक्टूबर) को इजरायल स्थित भारतीय दूतावास ने भी भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी. इस एडवाइजरी में इजरायल में रह रहे भारतीयों को सतर्क रहने और सुरक्षा से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा गया था.
गौरतलब है कि ईरान ने बुधवार (2 अक्टूबर) की सुबह एक बयान में कहा कि इजरायल पर उसका मिसाइली हमला बिना किसी उकसावे के खत्म हो गया है.
हालांकि, इजरायल और अमेरिका ने ईरान को जवाबी कार्रवाई के प्रति आगाह किया है, जिससे पश्चिम एशिया क्षेत्र में व्यापक युद्ध की आशंका तेज हो गई है.
गौरतलब है कि इजरायल ने ईरानी हमले के बाद भी बुधवार सुबह लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण बमबारी की. हिजबुल्लाह के दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया गया. इजरायली सेना ने लोगों को इलाका खाली करने का आदेश दिया गया. कहा जा रहा है कि ईरानी हमले के बाद इजरायल हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान तेज कर सकता है.
वहीं, ईरान का कहना है कि इजरायल पर उसका हमला रक्षात्मक था. इसमें सिर्फ इजरायल की सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाया गया है.
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने कहा कि तीन इजरायली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है. इजरायल पर यह हमला नसरल्लाह और इस्माइल हानिया की हत्या का बदला बताया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि ईरान के अर्धसैनिक रिवॉल्युशनरी गार्ड कोर यानी आईआरजीसी ने 31 जुलाई को बताया थी कि हमास के प्रमुख राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई थी.
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर की समाचार वेबसाइट के एक बयान में कहा गया था कि तेहरान में इस्माइल हनिया के घर पर हमला किया गया था, जिसमें हनिया और उनके एक सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे.
ज्ञात हो कि इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष बीते साल अक्टूबर में तब शुरू हुआ था, जब गाजा पर शासन करने वाले फिलस्तीनी संगठन हमास ने इज़रायल पर आतंकवादी हमला किया था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे. इसके बाद इज़रायल ने हमास को तबाह करने के मकसद से गाजा पर आक्रमण शुरू कर दिया.
इस संघर्ष में अब तक 40 हजार से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं, जिसमें अधिकांश, लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं. इस युद्ध की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आलोचना हुई है.
मालूम हो 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के साथ ‘एकजुटता’ जाहिर की थी.