नई दिल्ली: बीते पांच सालों में देश में 200 बड़ी रेल दुर्घटनाओं में 351 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 970 घायल हो गए हैं.
द हिंदू ने भारतीय रेलवे द्वारा 17 रेलवे जोन से साझा किए गए आंकड़ों के हवाले से ये जानकारी दी है.
ज्ञात हो कि यह डेटा आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडे द्वारा दायर सूचना के अधिकार के जवाब में साझा किया गया था.
पिछले साल जून में हुई बालासोर रेल दुर्घटना समेत अन्य 10 सबसे अहम रेल दुर्घटनाओं में 297 लोगों की मौत हो गई थी और 637 घायल हो गए थे. इसके बाद दुर्घटनाओं में ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन का स्थान रहा, जहां 15 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 20 मौतें हुईं और 79 घायल हुए. सबसे हालिया बड़ी दुर्घटना कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना थी, जिसमें 10 लोगों की जान चली गई थी.
वहीं, मध्य रेलवे जोन को देखें, तो यहां में 22 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें एक की मौत और दो घायल हुए. पूर्वी रेलवे में, 12 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें एक की मौत हो गई और नौ घायल हो गए, जबकि पूर्व मध्य क्षेत्र में 18 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें आठ की मौत हो गई और 33 घायल हो गए.
उत्तर मध्य क्षेत्र में 21 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें दो मौतें हुईं और 49 घायल हुए, जबकि उत्तर रेलवे में 25 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें पांच मौतें हुईं और पांच घायल हुए.
दक्षिण मध्य रेलवे ने 12 दुर्घटनाओं की सूचना दी, जिनमें एक की मौत और 26 घायल हुए, जबकि दक्षिण पूर्व मध्य क्षेत्र ने नौ दुर्घटनाओं की सूचना दी, जिनमें तीन की मौत और छह घायल हुए.
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में नौ दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें नौ मौतें हुईं और 45 घायल हुए. वहीं, उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में दस दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 70 घायल हुए. पश्चिम मध्य क्षेत्र में एक मौत और नौ चोटों के साथ सात दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि पश्चिमी क्षेत्र में तीन मौतों के साथ 12 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं.
रेल मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सुरक्षित जोन में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र हैं, जहां केवल दो दुर्घटनाएं हुईं, कोंकण रेलवे में तीन दुर्घटनाएं हुई हैं, और दक्षिण-पश्चिमी और साथ ही दक्षिणी रेलवे जोन में क्रमशः नौ और चार दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें कोई हताहत नहीं हुआ.
खबर के मुताबिक, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (2 अक्टूबर) को कोलकाता स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ब्रेथवेट एंड कंपनी का निरीक्षण करते हुए कहा कि जहां 10 साल पहले प्रति वर्ष 171 दुर्घटनाएं होती थीं, वहीं अब यह घटकर 40 दुर्घटनाएं रह गई हैं.
बताया गया है कि रेलवे ने पिछले पांच वर्षों (2019-20 से 2023-24) के दौरान मुआवजे में 32 करोड़ रुपये दिए हैं. इस राशि में से 26.83 करोड़ रुपये ट्रेन दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को और 7 करोड़ रुपये घायल लोगों को दिए गए हैं.