गोवा: आरएसएस के पूर्व प्रदेश प्रमुख ने सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों की डीएनए जांच की मांग की

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर द्वारा गोवा के संरक्षक संत माने जाने वाले सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवेशेषों की डीएनए जांच की मांग करने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने उनकी गिरफ़्तारी की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

सुभाष वेलिंगकर. (फोटो साभार: X/@SBVelingkar)

नई दिल्ली: गोवा के संरक्षक संत माने जाने वाले सेंट फ्रांसिस जेवियर के खिलाफ आरएसएस की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर की टिप्पणी ने इस तटीय राज्य में हंगामा खड़ा कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने वेलिंगकर की गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. वहीं राज्य के विपक्षी दलों ने कथित तौर पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास करने के लिए उनके बयान की निंदा की है.

इस सप्ताह की शुरुआत में वेलिंगकर ने सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों की डीएनए जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा कि सेंट जेवियर को ‘गोएंचो साईब’ (गोवा का संरक्षक) नहीं कहा जा सकता.

वेलिंगकर को 2016 में तब संघ से निकाल दिया गया था जब उन्होंने विद्रोही रुख अपनाते हुए प्राथमिक शिक्षा में भाजपा सरकार की शिक्षण माध्यम नीति से असहमति जताई थी. 2022 में वेलिंगकर ने कहा था कि सेंट फ्रांसिस जेवियर को ‘गोएंचो साईब’ नहीं कहा जा सकता है और ‘द गोवा फाइल्स’ नामक एक अभियान शुरू किया जाएगा, ताकि जागरूकता पैदा की जा सके कि भगवान परशुराम ही ‘गोएंचो साईब’ हैं.

बुधवार को पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में अलेमाओ ने पूर्व आरएसएस नेता पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया.

सेंट फ्रांसिस जेवियर, एक स्पेनिश जेशूइट मिशनरी 1542 में गोवा पहुंचे, जो उस समय पुर्तगाली उपनिवेश था. 1552 में चीन के ग्वांगडोंग प्रांत के तट पर स्थित सैन्सियन द्वीप पर उनकी मृत्यु हो गई. उनके अवशेष पुराने गोवा में बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस में रखे गए हैं.

सेंट फ्रांसिस जेवियर के पवित्र अवशेषों की दशकीय प्रदर्शनी 21 नवंबर, 2024 से 5 जनवरी, 2025 तक गोवा में आयोजित की जाएगी.

अलेमाओ ने कहा, ‘वेलिंगकर का डीएनए टेस्ट करने का समय आ गया है. हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी धर्मों के लोग गोवा में शांतिपूर्वक रह रहे हैं, लेकिन उनके जैसे लोग सदियों पुराने सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने पर तुले हुए हैं. जब ऐसी टिप्पणियां की जाती हैं तो सेंट फ्रांसिस जेवियर को पूजने वाले सभी लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. मैंने कोलवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.’

पुलिस ने कहा कि अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियों के बाद सभी धर्मों के गोवावासियों की भावनाएं आहत हुई हैं. क्या सरकार की भावनाएं आहत नहीं हुई हैं? और गोएंचो साईब, जिन्हें प्रधानमंत्री ने फरवरी में ‘शांति और एकजुटता का प्रतीक’ कहा था, के खिलाफ इस तरह के अपमान से माहौल को खराब होने से बचाने के लिए सरकार क्या करेगी?’

आम आदमी पार्टी के विधायक वेन्ज़ी वीगास ने कहा, ‘उनके (वेलिंगकर) जैसे लोगों को राज्य के बाहर भेज दिया जाना चाहिए. हम ऐसे बयानों की कड़ी निंदा करते हैं. यह सिर्फ़ राज्य में व्याप्त भूमि परिवर्तन के मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है.’

वेलिंगकर ने गुरुवार को ओल्ड गोवा पुलिस स्टेशन में कुछ कार्यकर्ता समूहों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई, जिसमें उन पर झूठ फैलाने और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया.

पुलिस शिकायत में वेलिंगकर ने कहा, ‘मैंने हाल ही में गोवा इंक्विजिशन के बारे में एक बयान दिया है, जो गोवा के इतिहास का एक दुर्भाग्यपूर्ण अध्याय है, जो पुर्तगाली शासन के दौरान हुआ था. जबकि इतिहास ईसाई धर्म के प्रसार में सेंट फ्रांसिस जेवियर के योगदान की बात करता है, यह समझना महत्वपूर्ण है कि गोवा इंक्विजिशन ने कई गैर-ईसाइयों के लिए आतंक का शासन बनाया.’

उन्होंने कहा, ‘मैं इनक्विजिशन की कार्रवाइयों, जिसने नफरत और आतंक फैलाया और संतत्व की सच्ची भावना के बीच तुलना करता हूं. मेरा मानना ​​है कि इतिहास को फिर से देखने, अतीत की कार्रवाइयों की जांच करने और संतत्व के सही अर्थ पर विचार करने का समय आ गया है. इनक्विजिशन के दौरान या किसी अन्य ऐतिहासिक अवधि में नफरत या उत्पीड़न को बढ़ावा देने वाले कार्यों को पवित्र नहीं माना जा सकता. यह बयान किसी धर्म को बदनाम करने के लिए नहीं बल्कि उन ऐतिहासिक घटनाओं को उजागर करने के लिए दिया गया है, जिन्होंने अनगिनत गोवावासियों के अनुभवों को आकार दिया. मेरे बयान लिखित इतिहास की बात करते हैं, न कि मेरे व्यक्तिगत विचारों की.’

उन्होंने शिकायत में कहा, ‘श्रीलंका और विश्व भर में बौद्ध धर्मावलंबियों के बीच सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों की पहचान सत्यापित करने के लिए डीएनए जांच की मांग जोर पकड़ रही है.’